अमेरिका-पाकिस्तान संबंध: एक ऐतिहासिक अवलोकन
संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध उतार-चढ़ाव और रणनीतिक हितों के जटिल अंतर्संबंध से चिह्नित हैं, जो क्षेत्रीय और वैश्विक गतिशीलता से प्रभावित हैं।
पाकिस्तान के रणनीतिक गठबंधन
- विभाजन के बाद से पाकिस्तान की सेना का मुख्य ध्यान भारत का मुकाबला करने पर रहा है।
- शीत युद्ध के दौरान रणनीतिक साझेदारियां प्रारंभ में अमेरिका के साथ बनी थीं, जो हाल के समय में चीन की ओर स्थानांतरित हो गई हैं।
- अमेरिका के साथ हालिया वार्ता ने नई रुचि को उजागर किया है, लेकिन भारत को बेचैन कर दिया है। इसमें पाकिस्तान के सेना प्रमुख की वाशिंगटन यात्रा भी शामिल है।
अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों का विकास
- अमेरिका-पाकिस्तान संबंध शीत युद्ध से शुरू होकर अलग-अलग चरणों में विकसित हुए।
- चरण 1 (1950-1970):
- 1954: पारस्परिक रक्षा सहायता समझौते पर हस्ताक्षर।
- पाकिस्तान दक्षिण पूर्व एशिया संधि संगठन (SEATO) का हिस्सा बन गया।
- 1962: चीन-भारत युद्ध के दौरान भारत को अमेरिकी सैन्य सहायता से संबंध तनावपूर्ण हो गए।
- 1965: भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान अमेरिका की तटस्थता से इस्लामाबाद में निराशा उत्पन्न हुई।
- चरण 2 (1980-1990 का दशक):
- 1979: अफगानिस्तान पर सोवियत आक्रमण के बाद अमेरिका का ध्यान पाकिस्तान के माध्यम से अफगान प्रतिरोध को समर्थन देने पर केन्द्रित हो गया।
- 1980 के दशक में पाकिस्तान को लगभग 5 बिलियन डॉलर की सहायता प्राप्त हुई।
- सोवियत संघ की वापसी के बाद अमेरिका की रुचि कम हो गई, जिसके परिणामस्वरूप प्रतिबंध लगाए गए और भारत की ओर झुकाव बढ़ा।
21वीं सदी की गतिशीलता
- 9/11 के बाद: पाकिस्तान अमेरिका के नेतृत्व वाले "आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध" में शामिल हो गया तथा उसे महत्वपूर्ण सहायता प्राप्त हुई, लेकिन वाशिंगटन की ओर से संदेह बना रहा।
- 2011 में एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन की खोज ने विश्वास को और कम कर दिया।
प्रतिबंध और रणनीतिक बदलाव
- अमेरिका ने रणनीतिक असहमतियों और आतंकवाद संबंधी चिंताओं के कारण पाकिस्तान पर बार-बार प्रतिबंध लगाए हैं।
- ये प्रतिबंध पाकिस्तान की अप्रत्याशितता और कथित कपट के प्रति अमेरिका की हताशा को दर्शाते हैं।
- चीन के साथ पाकिस्तान का बढ़ता गठबंधन अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब में काम कर रहा है।
वर्तमान तनाव और विरोधाभास
- पाकिस्तान में पश्चिम विरोधी भावना बनी हुई है, जिससे अमेरिका के साथ उसकी साझेदारी जटिल हो रही है
- पाकिस्तान के दोहरे खेल में एक ओर तो अमेरिकी सहायता प्राप्त करना है, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी हितों के विरोधी आतंकवादी नेटवर्कों को सहन करना भी शामिल है।
- अमेरिका पाकिस्तान के साथ सहयोग को आतंकवाद-निरोध और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए लाभदायक मानता है।
निष्कर्षतः, अमेरिका-पाकिस्तान संबंध रणनीतिक आवश्यकता से युक्त हैं, लेकिन अविश्वास और भिन्न लक्ष्यों से भी प्रभावित हैं। यह साझेदारी जटिल, नाज़ुक और अप्रत्याशित बनी हुई है, जो परस्पर विरोधी हितों से आकार लेती है, लेकिन आंतरिक विरोधाभासों से कमज़ोर होती है।