लद्दाख के वन्यजीव संरक्षण विभाग द्वारा किए गए अध्ययन में लद्दाख में 477 हिम तेंदुए होने का अनुमान लगाया गया | Current Affairs | Vision IAS
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    लद्दाख के वन्यजीव संरक्षण विभाग द्वारा किए गए अध्ययन में लद्दाख में 477 हिम तेंदुए होने का अनुमान लगाया गया

    Posted 08 May 2025

    8 min read

    दुनिया में हिम तेंदुओं का सर्वाधिक घनत्व लद्दाख में है, जो भारत की कुल हिम तेंदुआ आबादी का 68% हिस्सा है। 

    अध्ययन के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर 

    • क्षेत्र: हेमिस राष्ट्रीय उद्यान, कारगिल और लेह में हिम तेंदुओं का दुनिया में सबसे अधिक और विस्तृत घनत्व पाया जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सन्निहित (Contiguous) आबादी में से एक है। 
    • उच्च घनत्व के लिए कारक: 
      • संसाधनों से भरपूर घास के मैदान, अनुकूल जलवायु और शिकार की प्रचुरता। 
      • सीमित मानवीय व्यवधान यानी लद्दाख में 61% हिम तेंदुए मानव आबादी के साथ सह-अस्तित्व में रहते है। 
      • लद्दाख की जनजातियों में वन्यजीवों के प्रति सांस्कृतिक सम्मान, हिम तेंदुआ पर्यटन से होने वाला आर्थिक लाभ और संघर्ष प्रबंधन की रणनीतियां आदि अन्य जिम्मेदार कारक हैं। 

    हिम तेंदुए (पेंथेरा अन्सिया) के बारे में 

    • भौगोलिक विस्तार: यह दक्षिण और मध्य एशिया के पर्वतीय क्षेत्रों की प्रमुख प्रजाति है। यह 12 देशों में पाया जाता है। 
      • भारत में, पश्चिमी हिमालय में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम तथा पूर्वी हिमालय में अरुणाचल प्रदेश में पाया जाता है।
    • संरक्षण स्थिति:
      • IUCN रेड लिस्ट: वल्नरेबल।
      • CITES परिशिष्ट-I और CMS परिशिष्ट-I में सूचीबद्ध। 
      • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध। 
    • पर्यावास: हिम तेंदुआ 3,000-5,000 मीटर की ऊँचाई पर चट्टानी व पथरीली तथा ऊबड़-खाबड़ भूमि पर रहता है।
    • विशेषताएं: हिम तेंदुए के शरीर पर स्मोकी धूसर (ग्रे) रंग के फर होते हैं, जिस पर काले-गहरे धूसर रोसेट (गोलाकार धब्बे) होते हैं। वे अकेले रहते हैं तथा सुबह और शाम सबसे अधिक सक्रिय होते हैं।  
    • Tags :
    • हिम तेंदुए
    • पेंथेरा अन्सिया
    • काले-गहरे धूसर रोसेट
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