यूरोपीय संघ (EU) ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ‘नए रणनीतिक EU-भारत एजेंडे’ का प्रस्ताव किया | Current Affairs | Vision IAS
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    यूरोपीय संघ (EU) ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ‘नए रणनीतिक EU-भारत एजेंडे’ का प्रस्ताव किया

    Posted 18 Sep 2025

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    Article Summary

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    यूरोपीय संघ ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, संपर्क और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पांच-स्तंभों वाली रणनीति की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य साझेदारी को गहरा करना है, जिसमें भारत के रूस संबंधों से उत्पन्न चुनौतियों को भी शामिल किया गया है।

    यह एजेंडा यूरोपीय आयोग और हाई रिप्रेजेन्टेटिव द्वारा स्वीकृत संयुक्त संचार (Joint Communication) में रेखांकित किया गया है। यह एजेंडा  EU और भारत की साझेदारी के लक्ष्यों के लिए पांच प्रमुख रणनीतिक स्तंभों पर आधारित है। 

    पांच रणनीतिक स्तंभ निम्नलिखित हैं:

    • समृद्धि और संधारणीयता: यह स्तंभ आर्थिक संवृद्धि, रोजगार के अवसरों के सृजन, औद्योगिक विकास और डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देगा।
      • व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना: 2025 के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दिया जाएगा और निवेश सुरक्षा समझौता (IPA) भी संपन्न किया जाएगा।
      • आपूर्ति श्रृंखला और आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करना: इसके लिए व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (TTC) का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, EU-भारत सेमीकंडक्टर समझौते को भी लागू किया जाएगा।
      • स्वच्छ ऊर्जा अपनाने और आपदा-रोधी बनाने की दिशा में प्रगति: इस्पात व सीमेंट जैसे भारी उद्योगों का डीकार्बोनाइजेशन किया जाएगा।
    • प्रौद्योगिकी और नवाचार: उन नई प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो सभी के लिए उपलब्ध हों, सुरक्षित हों और मानव-केंद्रित नवाचार सुनिश्चित करें।
      • अति महत्वपूर्ण नई प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना: EU-इंडिया इनोवेशन हब स्थापित किया जाएगा।
      • अनुकूल डिजिटल परिवेश को बढ़ावा देना: सेवा वितरण हेतु डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के क्षेत्र में सहयोग को समर्थन दिया जाएगा।
      • अनुसंधान में सहयोग को प्रोत्साहित करना: परमाणु ऊर्जा और इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
    • सुरक्षा और रक्षा: वैश्विक सुरक्षा के समक्ष खतरों, भू-राजनीतिक तनावों और तकनीकी परिवर्तनों से जुड़ी चिंताओं का समाधान किया जाएगा। 
      • उदाहरण के लिए- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समन्वय और नियम-आधारित सामुद्रिक व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा।
    • कनेक्टिविटी और वैश्विक मुद्दे: अलग-अलग क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी। अन्य देशों (जैसे- अफ्रीकी देश) में सहयोग बढ़ाया जाएगा और ग्लोबल गवर्नेंस में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
      • उदाहरण के लिए- EU के ग्लोबल गेटवे और भारत के महासागर (MAHASAGAR) सिद्धांत के माध्यम से सहयोग को बढ़ावा देना।
        • महासागर/ MAHASAGAR” यानी "क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति।
    • सभी स्तंभों में साझे सहयोग के क्षेत्र: एक देश से दूसरे देश में कुशल लोगों के आवागमन को बढ़ावा देना; ज्ञान का आदान-प्रदान करना; व्यवसायों के बीच सहभागिता और संस्थाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना आदि। 

    EU ने यह भी रेखांकित किया है कि भारत के रूस के साथ सैन्य अभ्यास और रूसी तेल की खरीद EU व भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने में बाधक सिद्ध हो सकते हैं।

    • Tags :
    • Free Trade Agreement (FTA)
    • EU-India
    • EU’s Global Gateway
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