भारत के मुख्य न्यायाधीश ने हाशिए पर मौजूद और सुभेद्य नागरिकों की न्याय तक पहुंच में आने वाली बाधाओं को उजागर किया | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    भारत के मुख्य न्यायाधीश ने हाशिए पर मौजूद और सुभेद्य नागरिकों की न्याय तक पहुंच में आने वाली बाधाओं को उजागर किया

    Posted 19 Sep 2025

    1 min read

    Article Summary

    Article Summary

    मुख्य न्यायाधीश ने भौगोलिक, भाषाई, आर्थिक और सामाजिक बाधाओं पर प्रकाश डाला तथा न्याय तक बेहतर पहुंच के लिए क्षेत्रीय भाषा समावेशन, कानूनी शिक्षा सहायता और प्रौद्योगिकी जैसे सुधारों पर जोर दिया।

    न्याय तक पहुंच का अर्थ है कि देश में प्रत्येक व्यक्ति को निष्पक्ष, समान और त्वरित तरीके से न्यायिक समाधान प्राप्त हो सके।

    • संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 39A नागरिकों को न्याय तक पहुंच का अधिकार प्रदान करते हैं।

    न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के समक्ष बाधाएं

    • भौगोलिक: न्यायालय और लॉ स्कूल ग्रामीण/ दूरस्थ क्षेत्रों से काफी दूर होते हैं।
    • भाषा: कानूनी शिक्षा और कार्यवाही मुख्य रूप से अंग्रेजी में होती है।
    • आर्थिक: कानूनी शिक्षा और मुकदमेबाजी की लागत बहुत अधिक होती है।
    • सामाजिक: इसमें जाति व्यवस्था, निरक्षरता, कानूनी जागरूकता का अभाव शामिल है।
    • अन्य: इनमें डिजिटल डिवाइड व भौतिक अवसंरचना का अभाव शामिल हैं। जैसे- अधीनस्थ न्यायालयों में 4.6 करोड़ से अधिक केस लंबित हैं।

    न्याय तक पहुंच के लिए शुरू की गई संस्थागत पहलें 

    • नेशनल मिशन फॉर जस्टिस डिलीवरी एंड लीगल रिफॉर्म्स: इसका उद्देश्य संरचनात्मक परिवर्तनों के माध्यम से न्याय तक पहुंच को बढ़ाना और जवाबदेही में सुधार करना है।
    • विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987: इसमें राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और लोक अदालतों से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
    • ई-कोर्ट्स मिशन मोड परियोजना: इसका उद्देश्य न्यायालयों का डिजिटलीकरण करना है।

    आगे की राह

    • भाषाई समावेशिता: अदालती कार्यवाही और निर्देशों में क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
    • कानूनी शिक्षा में सुधार: इसके लिए छात्रवृत्ति, मानदेय देने और फीस को माफ़ करने जैसे उपायों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।
    • क्षेत्रीय एवं स्थानीय पहुंच: अधिक न्यायालय, लॉ स्कूल और कानूनी सहायता केंद्र स्थापित करने चाहिए।
    • प्रौद्योगिकी एकीकरण: न्याय प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
    • Tags :
    • Legal Services Authorities Act, 1987
    • Legal Education
    • Access to justice
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features