प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया सुविधा का उद्घाटन
26 नवंबर, 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद, भारत में फ्रांस की कंपनी सफ्रान द्वारा निर्मित दुनिया की सबसे बड़ी रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह सुविधा LEAP इंजनों पर केंद्रित है, जो आधुनिक और ईंधन-कुशल इंजन हैं जो संकीर्ण-शरीर वाले विमानों को शक्ति प्रदान करते हैं।
उद्घाटन की मुख्य विशेषताएं
- प्रधानमंत्री ने देश के व्यापक MSME नेटवर्क और युवा प्रतिभा पूल का लाभ उठाते हुए विभिन्न क्षेत्रों में 'डिजाइन इन इंडिया' की आवश्यकता पर बल दिया।
- सफ्रान एयरोस्पेस को एयरोस्पेस प्रणोदन डिजाइन और विनिर्माण के लिए भारत की क्षमताओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
भारत के आर्थिक सुधार और निवेश का माहौल
- भारत का लक्ष्य वैश्विक निवेश को आकर्षित करना है, तथा कई क्षेत्रों में स्वचालित मार्गों के माध्यम से 100% FDI की अनुमति देने वाले सुधारों के माध्यम से ऐसा करना है।
- रक्षा जैसे क्षेत्रों में स्वचालित मार्गों से 74% FDI संभव है।
- उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं वैश्विक निर्माताओं को मेक इन इंडिया की ओर आकर्षित कर रही हैं।
- कंपनी अनुपालन में महत्वपूर्ण कमी और व्यापार-संबंधी प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण।
- राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली की शुरूआत और GST तथा नए श्रम संहिता जैसे सुधारों ने शासन को सुव्यवस्थित किया है।
भारत एक विनिर्माण केंद्र के रूप में
भारत एक विश्वसनीय साझेदार और एक प्रमुख बाज़ार के रूप में उभर रहा है। अपनी तेज़ वृद्धि, स्थिर सरकार और विशाल घरेलू बाज़ार के कारण इसे एक स्मार्ट व्यावसायिक निर्णय माना जा रहा है। निवेशकों को भारत की विकास यात्रा में सह-निर्माता माना जाता है।
सफ्रान सुविधा का विवरण
- यह सुविधा हैदराबाद में GMR एयरोस्पेस और औद्योगिक पार्क में ₹1,300 करोड़ के प्रारंभिक निवेश के साथ 45,000 वर्ग मीटर में फैली हुई है।
- इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक MRO केंद्र के रूप में स्थापित करना तथा एयरोस्पेस क्षेत्र में अवसर पैदा करना है।
- भारत का घरेलू विमानन बाजार अब विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा बाजार है, जिससे घरेलू MRO सुविधाओं की आवश्यकता बढ़ रही है।
- यह सुविधा प्रतिवर्ष 300 LEAP इंजनों की सर्विसिंग के लिए डिज़ाइन की गई है और 2035 तक इसमें 1,000 से अधिक कुशल तकनीशियनों और इंजीनियरों को रोजगार मिलेगा।
चुनौतियाँ और सरकारी पहल
- वर्तमान में भारत का 85% MRO कार्य विदेशों में किया जाता है, जिसके कारण लागत और डाउनटाइम में वृद्धि होती है।
- सरकार का लक्ष्य इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत को एक प्रमुख MRO केंद्र के रूप में विकसित करना है।