परिचय
वैश्विक चुनौतियों, खासकर जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता होती है। इन परिवर्तनों में उपभोक्तावादी जीवनशैली से लेकर सचेत उपभोग वाली सरल जीवनशैली को अपनाना शामिल है। हालांकि, बदलाव की यह प्रक्रिया लंबी और जटिल है क्योंकि इनमें से कई कार्य हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में बदलाव लाने के लिए लोगों को हर कार्य करने से पहले सोचना होगा, अपनी मौजूदा आदतों में बदलाव करना होगा तथा सचेत रूप से नई आदतों को अपनाना होगा। साथ ही, भौतिक इच्छाओं को कम करने के लिए मानसिकता के स्तर पर भी बदलाव करना होगा, जिन्हें हमने वर्षों से अपने दिमाग में पाल रखा है।
व्यक्तिगत व्यवहार को बदलने के लिए, नीति निर्माता व्यवहार विज्ञान सिद्धांतों का सहारा ले सकते हैं। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि कैसे लोग उपलब्ध जानकारी का उपयोग करके अपना विकल्प चुनते हैं। ऐसा ही एक व्यवहार विज्ञान सिद्धांत है- “नज थ्योरी” (Nudge theory)।
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