भारत की ऊर्जा सुरक्षा: विकास और स्थिरता के बीच संतुलन | Current Affairs | Vision IAS
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    भारत की ऊर्जा सुरक्षा: विकास और स्थिरता के बीच संतुलन

    Posted 16 Oct 2025

    Updated 18 Oct 2025

    8 min read

    परिचय

    भारत, जो कि विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन हासिल करने और 2030 तक अपनी 50% बिजली ज़रूरतों को गैर-जीवाश्म स्रोतों से पूरा करने के लिए अपनी ऊर्जा परिवर्तन प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। वर्तमान में, भारत का तेल आयात भू-राजनीति से गहराई से जुड़ा हुआ है; भारत के तेल आयात का लगभग 60% हिस्सा मध्य पूर्व से आता है। इसलिए, उस क्षेत्र में कोई भी राजनीतिक या सुरक्षा संबंधी अस्थिरता भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन जाती है। साथ ही, भारत यह भी समझता है कि बढ़ते वैश्विक तापमान और जलवायु जोखिम एक चुनौती और अवसर दोनों हैं। इसी कारण, भारत नई और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में तेज़ी से प्रगति कर रहा है ताकि सतत (Sustainable) विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

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