वन्य जीवों और वनस्पतियों की संकटापन्न प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के 50 वर्ष पूरे हुए | Current Affairs | Vision IAS
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    वन्य जीवों और वनस्पतियों की संकटापन्न प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के 50 वर्ष पूरे हुए

    Posted 02 Jul 2025

    10 min read

    इस कन्वेंशन का विचार सबसे पहले 1963 में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की बैठक में आया था। यह 1975 में लागू हुआ और यह अपनी तरह का पहला वैश्विक समझौता था।

    CITES के बारे में

    • उद्देश्य: यह सरकारों के बीच एक स्वैच्छिक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वन्य जीवों और पादपों के नमूनों का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, उन प्रजातियों के अस्तित्व के लिए खतरा न बने।
      • यह लाइसेंसिंग प्रणाली के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कुछ नियंत्रण स्थापित करता है, जिसमें आयात, निर्यात, पुनः निर्यात आदि सभी शामिल हैं।
    • सचिवालय: इसे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) से संचालित किया जाता है।
      • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, CITES सचिवालय को वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग प्रदान करता है।
    • पक्षकार (Parties): इसमें 185 देश या क्षेत्रीय आर्थिक संगठन शामिल हैं। भारत ने 1976 में इसकी अभिपुष्टि की थी। 
      • हालांकि CITES सभी पक्षकारों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी है, लेकिन यह किसी देश के राष्ट्रीय कानूनों का स्थान नहीं लेता है, बल्कि प्रत्येक देश इसे अपने राष्ट्रीय कानूनों के जरिए लागू करता है।
    • कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (CoP): यह CITES का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है। CoP-3 (तीसरी बैठक) 1981 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ था।
    • CITES ट्रेड डाटाबेस: इसे CITES सचिवालय की ओर से UNEP का वर्ल्ड कंजर्वेशन मॉनिटरिंग सेंटर (UNEP-WCMC) संचालित करता है।

    CITES की मुख्य पहलें:

    • CITES 40,900 से अधिक प्रजातियों की सुरक्षा करता है, जिनमें 6,610 जानवरों की प्रजातियां और 34,310 पादपों की प्रजातियां शामिल हैं।
    • MIKE कार्यक्रम: यह कार्यक्रम 1997 में जिम्बाब्वे के हरारे में हुई 10वीं CoP बैठक में पारित एक प्रस्ताव के तहत शुरू किया गया था।
      • इसका उद्देश्य अफ्रीका और एशिया में हाथियों के अवैध शिकार की प्रवृत्तियों की निगरानी करना है। यह साइट-आधारित प्रणाली पर कार्य करता है।
    • अन्य पहलें: वन्यजीव अपराध से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (ICCWC), 2010; CITES ट्री स्पीशीज प्रोजेक्ट, 2024 आदि।
    • Tags :
    • IUCN
    • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)
    • CITES
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