घड़ियाल और स्लॉथ बेयर (भालू) को ‘प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम’ में शामिल करने की सिफारिश की गई | Current Affairs | Vision IAS
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    घड़ियाल और स्लॉथ बेयर (भालू) को ‘प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम’ में शामिल करने की सिफारिश की गई

    Posted 12 Jul 2025

    13 min read

    घड़ियाल और स्लॉथ बेयर को “वन्यजीव पर्यावासों के एकीकृत विकास के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (CSS-IDWH)” के तहत ‘प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम’ में शामिल किए जाने की सिफारिश की गई है। 

    • इन प्रजातियों की सिफारिश राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की ओर से गठित स्थायी समिति (SC-NBWL) ने की है। इस समिति को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत वन्यजीवों और वनों के संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु सिफारिशें देने के लिए गठित किया गया है।

    घड़ियाल के बारे में

    • पर्यावास (Habitat): यह प्रजाति ज्यादातर मीठे पानी की नदियों में पाई जाती है। मुख्य रूप से गंगा की सहायक नदियों- चंबल और गीरवा (भारत में) तथा राप्ती-नारायणी नदियों (नेपाल में) में पाई जाती है।
    • संरक्षण स्थिति (Conservation Status):
      ○ IUCN: क्रिटिकली एंडेंजर्ड। 
      ○ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची-I में सूचीबद्ध। 
      ○ CITES: परिशिष्ट-I (Appendix-I) में सूचीबद्ध।
    • विशेषताएं:
      • इनकी थूथन सभी मगरमच्छ प्रजातियों में सबसे पतली और लंबी होती है।
      • वयस्क नर के थूथन के सिरे पर एक बड़ा बल्बनुमा उभार होता है, जिसे 'घड़ा' (ghara) कहा जाता है।
      • यह सभी मगरमच्छ प्रजातियों में सबसे अधिक जल में रहना पसंद करती है।

    स्लॉथ बेयर (भालू) के बारे में

    • पर्यावास (Habitat): भारत, श्रीलंका और नेपाल की देशज (मूल) प्रजाति है।
      • यह भारत में 5 जैव-भौगोलिक क्षेत्रों में पाया जाता है — प्रायद्वीपीय भारत, पश्चिमी घाट, दक्कन का पठार, गंगा का मैदान और पूर्वोत्तर भारत। 
    • संरक्षण स्थिति (Conservation Status):
      ○ IUCN: वल्नरेबल।  
      ○ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची-I में सूचीबद्ध।
      ○ CITES: परिशिष्ट-I (Appendix-I) में सूचीबद्ध।
    • विशेषताएं:
      ○ स्लॉथ बेयर एक छोटा भालू होता है, जिसकी त्वचा घने बालों वाली (shaggy coat) होती है।
      ○ यह भोजन के लिए मुख्य रूप से दीमकों और चींटियों पर निर्भर रहता है।
      ○ यह एकाकी प्राणी होता है और सामान्यतः रात्रिचर (nocturnal) होता है।

    CSS-IDWH के बारे में

    • उद्देश्य: यह योजना राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को वन्यजीव संरक्षण से संबंधित गतिविधियों के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
    • IDWH के प्रमुख घटक:
      • संरक्षित क्षेत्रों (राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य, संरक्षण रिजर्व और सामुदायिक रिजर्व) को समर्थन प्रदान करना।
      • संरक्षित क्षेत्रों के बाहर वन्यजीवों की सुरक्षा करना और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना।
      • अति संकटग्रस्त (Critically endangered) प्रजातियों और उनके पर्यावासों को बचाने के लिए पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम संचालित करना।
        • अब तक प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम के अंतर्गत हिम तेंदुआ, एशियाई शेर, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड आदि सहित 22 प्रजातियों की पहचान की गई है।
    • Tags :
    • राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड
    • घड़ियाल
    • स्लॉथ बेयर
    • CSS-IDWH
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