'आर्द्रभूमियों के लिए संधारणीय जीवनशैली को बढ़ावा देने' पर भारत के संकल्प को स्वीकार कर लिया गया है। इसे 172 देशों ने समर्थन दिया, ताकि आर्द्रभीमियों के संरक्षण से संबंधित प्रयासों को बढ़ावा दिया जा सके।
- यह संकल्प मिशन लाइफ/ Mission LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के सिद्धांतों के अनुरूप है।
- मिशन लाइफ भारत के नेतृत्व वाला एक वैश्विक आंदोलन है। इसे 2021 में ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP-26) में प्रस्तुत किया गया था।
- इसका उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों को ऐसी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है, जो प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने वाली हो और उसे नुकसान न पहुंचाए।
आर्द्रभूमियों के विवेकपूर्ण उपयोग (Wise Use of Wetland) के बारे में
- यह रामसर कन्वेंशन के तहत आर्द्रभूमि संरक्षण हेतु मुख्य सिद्धांत है ।
- इस कन्वेंशन के तहत संधारणीय विकास के संदर्भ में विवेकपूर्ण उपयोग को पारिस्थितिकी-तंत्र आधारित पद्धतियों के आधार पर आर्द्रभूमियों की पारिस्थितिक विशेषताओं को बनाए रखने के रूप में परिभाषित किया गया है।
- इस प्रकार आर्द्रभूमियों और उनके द्वारा प्रदान की गई सभी सेवाओं का संरक्षण एवं संधारणीय उपयोग संभव होता है, जिससे लोगों व प्रकृति दोनों को लाभ होता है।
- इसके सभी पक्षकारों पर राष्ट्रीय योजनाओं, कानून, प्रबंधन कार्यों और सार्वजनिक शिक्षा के माध्यम से विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने का दायित्व सौंपा गया है।
- आर्द्रभूमियों के विवेकपूर्ण उपयोग के प्रति भारत का दृष्टिकोण
- जलीय पारिस्थितिकी-तंत्रों के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय योजना (NPCA) शुरू की गई है।
- एकीकृत प्रबंधन योजनाएं (IMPs) संधारणीय उपयोग के लिए रणनीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत करती हैं।
- भारत ने "वेटलैंड वाइज यूज- एन इम्प्लीमेंटेशन फ्रेमवर्क" शीर्षक से 2024 फ्रेमवर्क जारी किया है।
- 'मिशन सहभागिता’ और ‘आर्द्रभूमि बचाओ अभियान’ में 2 मिलियन से अधिक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुए। इससे 170,000 से अधिक आर्द्रभूमियों का मानचित्रण संभव हो सका।
रामसर कन्वेंशन के बारे में
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