राज्य पुलिस महानिदेशकों (DGPs) की नियुक्ति | Current Affairs | Vision IAS
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    Posted 31 Jul 2025

    8 min read

    राज्य पुलिस महानिदेशकों (DGPs) की नियुक्ति

    केंद्र ने राज्य के DGPs (पुलिस प्रमुखों) की नियुक्ति के लिए सिंगल विंडो प्रणाली शुरू की है।

    • यह प्रक्रिया प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ (2006) मामले का अनुसरण करती है, जिसके बाद UPSC द्वारा 2009 के दिशा-निर्देश जारी किए गए।

    नियुक्ति की प्रक्रिया

    • राज्य अपने योग्य अधिकारियों की सूची UPSC को तब भेजते हैं, जब वर्तमान DGP की सेवानिवृत्त होने में कम-से-कम 6 महीने शेष होते हैं।
    • पात्रता:
      • न्यूनतम 30 वर्ष की सेवा, या उस राज्य के लिए निर्धारित पुलिस चीफ का पद (या उससे एक क्रम नीचे का पद)
      • जिन अधिकारियों की सेवानिवृत्ति में 6 महीने से कम का समय बचा है, वे इसके पात्र नहीं होते हैं।
    • UPSC पैनल समिति योग्यता के आधार पर 3 अधिकारियों (या छोटे राज्यों के लिए 2) का एक पैनल चुनती है।
    • राज्य सरकार इस पैनल से DGP का चयन करती है।
    • Tags :
    • DGPs
    • प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ
    • सिंगल विंडो प्रणाली

    सुरक्षित और वाहन चलाने योग्य सड़कों का मौलिक अधिकार

    UPP टोलवेज बनाम MP रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि सुरक्षित, वाहन चलाने योग्य सड़कों का अधिकार एक मौलिक अधिकार है।

    इस फैसले के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

    • सुरक्षित, वाहन चलाने योग्य सड़कों का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(G) के तहत आवागमन की स्वतंत्रता का हिस्सा है।
    • कोर्ट ने यह भी माना कि सड़कों का विकास एक सार्वजनिक कर्तव्य है, और राज्य की जिम्मेदारी अपने नियंत्रण में आने वाली सड़कों का रखरखाव करना होता है, न कि निजी ठेकेदार की।
    • Tags :
    • अनुच्छेद 19(1)(G)
    • रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन

    यूएन वुमेन

    हाल ही में यूएन वुमेन ने अपनी 15वीं वर्षगांठ मनाई।

    यूएन वुमेन के बारे में (मुख्यालय: न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका)

    • उत्पत्ति: 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प द्वारा।
    • उद्देश्य: महिलाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता और उनके सशक्तीकरण को बढ़ावा देना।
    • यह महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के सचिवालय के रूप में कार्य करता है।
    • संचालन: यूएन महासभा, आर्थिक और सामाजिक परिषद, और संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी बोर्ड मिलकर इसके संचालन और नीतिगत मार्गदर्शन के लिए एक बहु-स्तरीय अंतर-सरकारी गवर्नेंस संबंधी संरचना का निर्माण करते हैं।
    • संयुक्त राष्ट्र-महिला कार्यकारी बोर्ड में 41 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद द्वारा तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।
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    • यूएन वुमेन

    आपूर्ति और उपयोग तालिकाएं

    सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने 2020-21 और 2021-22 के लिए आपूर्ति और उपयोग तालिकाएं (SUTs) जारी की ।

    • राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (NSA) 2024 में प्रकाशित अनुमानों, उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण (ASI) जैसे सर्वेक्षण आंकड़ों आदि के आधार पर 140 उत्पादों और 66 उद्योगों को कवर किया गया है।

    SUTs के बारे में

    • यह दो आपस में जुड़े हुए मैट्रिक्स के रूप में हैं: आपूर्ति तालिका और उपयोग तालिका। ये तालिकाएं उत्पाद-उद्योग मैट्रिक्स पर आधारित होती हैं।
      • आपूर्ति तालिका वस्तुओं और सेवाओं की कुल आपूर्ति को दर्शाती है जबकि उपयोग तालिका इन उत्पादों के उपयोग को दर्शाती है।
    • यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के तीन दृष्टिकोणों अर्थात उत्पादन विधि, आय विधि और व्यय विधि को एकीकृत करती है।
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    • राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी
    • आपूर्ति और उपयोग तालिकाएं

    UNSC 1267 समिति

    1267 प्रतिबंध समिति के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) निगरानी टीम की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक प्रॉक्सी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) का हाथ था

    • यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे पाकिस्तान (एक अस्थायी सदस्य) सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया था।

    1267 समिति के बारे में

    • यह समिति ISIS (Da’esh), अल-कायदा और उनके सहयोगियों पर लगाए गए प्रतिबंधों की निगरानी करती है।
    • सदस्य देशों को सूचीबद्ध व्यक्तियों/ समूहों के विरुद्ध कार्रवाई करनी होती है।
    • वर्तमान में समिति की अध्यक्षता डेनमार्क (दिसंबर 2025 तक) कर रहा है
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    • UNSC
    • UNSC 1267 समिति

    बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025

    केंद्र सरकार ने ‘बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025’ के प्रमुख प्रावधानों को लागू करने की तारीख 1 अगस्त 2025 घोषित की है।

    • इस अधिनियम के तहत संशोधित किए गए प्रमुख बैंकिंग कानून:
      • RBI अधिनियम, 1934; 
      • बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949; 
      • SBI अधिनियम, 1955; 
      • बैंकिंग कंपनी अधिनियम, 1970 और 1980

    प्रमुख परिवर्तन:

    • सब्स्टैंशल इंटरेस्ट लिमिट: 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दी गई है (पहली बार 1968 के बाद बदलाव हुआ)।
    • सहकारी बैंक निदेशक (अध्यक्षों और पूर्णकालिक निदेशकों को छोड़कर): 97वें संविधान संशोधन के अनुरूप कार्यकाल 8 से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है।
    • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) :
      • अब बिना दावे वाले शेयरों/ निधियों को निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष (IEPF) में स्थानांतरित किया जा सकता है।
      • अब ये वैधानिक लेखा परीक्षकों को भुगतान कर सकेंगे, जिससे बेहतर ऑडिटर को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
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    • बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025
    • RBI अधिनियम, 1934

    दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन

    सरकार ने कहा कि DAY-NRLM के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए गए हैं।

    DAY-NRLM के बारे में

    • नोडल मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
    • उद्देश्य: स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण गरीब महिलाओं को संगठित करना और उनका उत्थान करना
    • समर्थन तंत्र:
      • यह महिला उद्यम त्वरण निधि (WEAF) के माध्यम से ऋण सहायता प्रदान करता है।
      • कृषि और गैर-कृषि दोनों आय सृजन को प्रोत्साहित करता है।
      • सबसे हाशिए पर रहने वाले लोगों सहित सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार (SBCC) का उपयोग किया जाता है।
      • स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी के रूप में प्रशिक्षित किया गया
    • आउटरीच स्कोप: देशभर में (दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर)
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    • DAY-NRLM
    • दीनदयाल अंत्योदय योजना

    पिपरहवा अवशेष

    भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की भारत वापसी हुई।

    पिपरहवा अवशेषों के बारे में

    • खोज: 1898 में ब्रिटिश सिविल इंजीनियर विलियम क्लैक्सटन पेप्पे द्वारा पिपरहवा, सिद्धार्थनगर (प्राचीन कपिलवस्तु), उत्तर प्रदेश में की गई।
    • महत्त्व: ये अवशेष भगवान बुद्ध के पार्थिव शरीर के अवशेषों से जुड़े हैं।
    • मुख्य विशेषताएं: इसमें हड्डियों के टुकड़े, सोपस्टोन और क्रिस्टल के ताबूत, बलुआ पत्थर का संदूक और स्वर्ण आभूषण आदि शामिल हैं।
    • समयावधि: लगभग ईसा पूर्व 3वीं शताब्दी में इन अवशेषों को मंदिर में रखा गया था।
      • एक अस्थि-पेटी पर ब्राह्मी लिपि में एक शिलालेख अंकित है, जो बताता है कि ये अवशेष शाक्य वंश द्वारा रखे गए बुद्ध के अवशेष हैं। 
    • वर्तमान स्थिति: भारतीय कानून के तहत इन्हें ‘AA’ श्रेणी की प्राचीन वस्तुएं घोषित किया गया है, जिनका निर्यात या बिक्री प्रतिबंधित है।
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    • पिपरहवा अवशेष
    • विलियम क्लैक्सटन पेप्पे
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