तटीय पोत परिवहन विधेयक | Current Affairs | Vision IAS
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    साथ ही खबरों में

    Posted 08 Aug 2025

    8 min read

    तटीय पोत परिवहन विधेयक

    संसद ने भारत की तटीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2025 को पारित कर दिया।

    • यह विधेयक केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया।
    • इसका उद्देश्य विदेशी जहाजों पर भारत की निर्भरता को कम करना है।

    तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2025 के मुख्य प्रावधान

    • यह तटीय पोत परिवहन से जुड़े कानूनी फ्रेमवर्क को सरल और आधुनिक बनाता है।
    • इसमें राष्ट्रीय तटीय और अंतर्देशीय पोत परिवहन रणनीतिक योजना का प्रस्ताव किया गया है। यह योजना दीर्घकालिक नीति और अवसंरचना का रोडमैप प्रस्तुत करती है।
    • इसमें तटीय पोत परिवहन के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का प्रावधान है। इसका उद्देश्य निवेशकों और योजना बनाने वालों को मार्गदर्शन देने के लिए रियल टाइम आधार पर पारदर्शी डेटा प्रदान करना है। 
    • Tags :
    • Coastal Shipping Bill

    एड वेलोरम ड्यूटी

    संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ के अलावा 25 प्रतिशत की ‘एड वेलोरम ड्यूटी’ लगाने की घोषणा की है।  

    • एड वेलोरम' लैटिन शब्दावली है जिसका अर्थ है 'मूल्य के अनुसार'
    • 'एड वेलोरम' वह शुल्क है जो आयातित वस्तुओं या सेवाओं के मूल्य के प्रतिशत के रूप में लगाया जाता है, न कि उनके वजन या इकाइयों की संख्या के आधार पर। 
    • Tags :
    • Ad Valorem Duty

    लाइकेन

    पश्चिमी घाट में लाइकेन की एक नई प्रजाति “एलोग्राफा इफ्यूसोरेडिका” (Allographa effusosoredicaकी खोज की गई है।

    लाइकेन के बारे में

    • लाइकेन वास्तव में कोई एकल जीव नहीं है बल्कि दो घटकों की सहजीवी संरचना है। इनमें एक कवक (माइकोबायोंट) और कम से कम एक प्रकाश-संश्लेषक सजीव (फोटोबायोंट) शामिल होते हैं। 
      • फोटोबायोंट में सूक्ष्म शैवाल (आमतौर पर एक हरा शैवाल) या साइनोबैक्टेरियम, या दोनों शामिल होते हैं।
    • लाइकेन औषधियों, इत्र, खाद्य पदार्थों, रंजक, जीवों पर पर्यावरण रसायन की निगरानी और अन्य उपयोगी यौगिकों के स्रोत के रूप में बहुत उपयोगी होते हैं।
    • ये चट्टानों या पत्थरों की सतह पर उगते हैं और मृदा के निर्माण में योगदान करते हैं
    • इनका उपयोग वायु प्रदूषण का पता लगाने के लिए बायो-मॉनिटर के रूप में किया जाता है। 
    • Tags :
    • Lichen

    शीलीड्स II प्रोग्राम (Sheleads II Programme)

    हाल ही में यूएन वुमेन के प्रमुख क्षमता निर्माण कार्यक्रम ‘SheLeads’ के दूसरे संस्करण का भारत में अनावरण किया गया।

    शीलीड्स (SheLeads) के बारे में:

    • इसका उद्देश्य सार्वजनिक और राजनीतिक नेतृत्व में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है, जिससे महिला चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित हों और नेतृत्व प्रदान कर सकें

    यूएन वुमेन के बारे में :

    • यूएन वुमेन लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली संयुक्त राष्ट्र की अग्रणी संस्था है। इसकी स्थापना जुलाई 2010 में हुई।
    • इसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता तथा सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है।
    • मुख्य फोकस क्षेत्र:
      • नेतृत्व,
      • आर्थिक सशक्तीकरण,
      • हिंसा से मुक्ति, और
      • महिलाएं, शांति और सुरक्षा; साथ में मानवीय कार्यवाही।  
    • Tags :
    • SheLeads II

    स्टारफिश

    एक रिपोर्ट के अनुसार विब्रियो पेक्टेनिसीडा (Vibrio pectenicida) नामक बैक्टीरिया के कारण स्टारफिश मर रही हैं।  

    • विब्रियो पेक्टेनिसीडा  मनुष्यों में हैजा के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया से संबंधित है।

    स्टारफिश के बारे में

    • स्टारफिश समुद्री जीवों के एक बड़े समूह इकाइनोडर्म्स (शूलचर्मी) से संबंधित है। इन्हें सितारों जैसे आकार की वजह से ‘सी स्टार’ भी कहा जाता है।
    • आहार: ज्यादातर स्टारफिश शिकारी होती हैं। मसल्स और क्लैम्स जैसे अकशेरुकी जीवों का भक्षण करती हैं।
    • पुनर्जनन: अधिकतर स्टारफिश प्रजातियां अपनी क्षतिग्रस्त या खोई हुई भुजाओं को फिर से उगा सकती हैं।
    • परिसंचरण तंत्र: इनमें रक्त नहीं होता। इनके शरीर में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन का परिवहन जल संवहनी तंत्र के माध्यम से समुद्री जल द्वारा होता है।
    • पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका: समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के ये महत्वपूर्ण शिकारी हैं। इस तरह ये प्रजातियों के संतुलन को बनाए रखने में योगदान करते हैं। 
    • Tags :
    • Starfish
    • Sea Stars

    निकल-तांबा-प्लेटिनम समूह तत्व (Ni-Cu-PGE) सल्फाइड

    छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के भालुकोना-जमनीडीह ब्लॉक में भारत में पहली बार निकल-तांबा-प्लैटिनम समूह तत्व (Ni-Cu-PGE) सल्फाइड की खोज की गई।

    Ni-Cu-PGE के उपयोग:

    • निकल: स्टेनलेस स्टील, मिश्र धातुओं, और खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) की बैटरियों में इस्तेमाल होता है।
    • तांबा: विद्युत वायरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लंबिंग, निर्माण कार्य में उपयोग होता है।
    • PGE: उत्प्रेरक, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, और हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक में।

    रणनीतिक मूल्य:

    • ये खनिज स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियोंइलेक्ट्रिक व्हीकल्स, और रक्षा क्षेत्रक के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसलिए यह खोज एनर्जी ट्रांजिशन के लिहाज़ से बड़ी उपलब्धि है। 
    • Tags :
    • Energy Transition
    • Nickel-Copper-Platinum Group Element (Ni-Cu-PGE) sulphide
    • Critical Mineral

    वर्जिन पॉलिमर्स

    एक अध्ययन के अनुसार भारत चार ‘वर्जिन पॉलिमर्स’ के उत्पादन में 4% का योगदान देता है। इनका शीर्ष उत्पादक चीन है।

    वर्जिन पॉलिमर्स के बारे में

    • वर्जिन पॉलिमर वह प्लास्टिक सामग्री होती है जिसे प्राकृतिक गैस या कच्चे तेल जैसे कच्चे पेट्रोकेमिकल स्रोतों से सीधे तैयार किया जाता है। इस तरह की प्लास्टिक सामग्री का पहले कोई उपयोग या प्रोसेस नहीं हुआ होता है।
    • उदाहरण: पॉलीइथाइलीन (PE), पॉलीप्रोपाइलीन (PP), पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (PET), पॉलीस्टाइरीन (PS), पॉलीकार्बोनेट (PC)।
    • उपयोग: पैकेजिंग सामग्री, ऑटोमोटिव कम्पोनेंट्स, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण और उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माण में, इत्यादि।
    • लाभ:  इनमें एक समान गुण होते हैं, अशुद्धियां नहीं पाई जाती हैं, और बेहतर यांत्रिक मजबूती प्रदान करते हैं।
    • चिंताएं: 
      • इन्हें पर्यावरण के लिए हानिकारक माना जाता है, 
      • रीसाइकल्ड पॉलिमर की तुलना में इनका कार्बन फुटप्रिंट अधिक होता है, 
      • उत्पादन के लिए गैर-नवीकरणीय जीवाश्म संसाधनों पर निर्भर है, आदि।  
    • Tags :
    • Virgin Polymers
    • Polyethylene

    अवाज़ा प्रोग्राम ऑफ एक्शन (APOA) 2024-2034

    तीसरा ‘संयुक्त राष्ट्र-स्थलरुद्ध विकासशील देशों का सम्मेलन (LLDC-3) तुर्कमेनिस्तान के अवाज़ा में शुरू हुआ।

    • यह सम्मेलन हाल ही में अपनाए गए अवाज़ा प्रोग्राम ऑफ एक्शन (APoA) को लागू करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा।

    अवाज़ा प्रोग्राम ऑफ एक्शन (APOA) के बारे में:

    • इसे दिसंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में सर्वसम्मति से अपनाया गया था।
      • यह स्थलरुद्ध विकासशील देशों (LLDCs) के समक्ष विकास संबंधी चिरकालिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क प्रदान करता है।
    • इस प्रोग्राम ऑफ एक्शन में निम्नलिखित शामिल हैं:
      • खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्रों की स्थापना;
      • आवश्यक वित्त-पोषण जुटाने के लिए अवसंरचना निवेश वित्त सुविधा का शुभारंभ;
      • व्यापार और क्लाइमेट रेजिलिएंस  को बढ़ावा देने के लिए UNFCCC वार्ता फोरम की स्थापना। 
    • Tags :
    • Landlocked Countries
    • Awaza Programme of Action
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