सरकार ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2025-26 के दौरान गन्ने के रस और शीरे से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी | Current Affairs | Vision IAS
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    सरकार ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2025-26 के दौरान गन्ने के रस और शीरे से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी

    Posted 03 Sep 2025

    1 min read

    • एथेनॉल उत्पादन में चीनी का उपयोग करने के फैसले की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी। इससे साल भर चीनी की पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
      • राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 में एथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल की एक विस्तृत सूची दी गई है। इसमें गन्ने का रस, चुकंदर, मीठा ज्वार, मक्का, कसावा, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न (गेहूं व टूटा चावल), और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त सड़े हुए आलू शामिल हैं।

    जैव ईंधन क्या है?

    • जैव-ईंधन ऐसे तरल या गैसीय ईंधन हैं, जो मुख्य रूप से बायोमास (नवीकरणीय संसाधन) से तैयार किए जाते हैं।
    • इनका उपयोग परिवहन, पोर्टेबल एवं अन्य कार्यों के लिए डीजल, पेट्रोल या अन्य जीवाश्म ईंधन की जगह पर या उनके साथ मिश्रण में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए- एथेनॉल, कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) आदि।
    • पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण को एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है।
      • भारत ने पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

    जैव ईंधन के लाभ

    • स्वच्छ पर्यावरण: 1 करोड़ लीटर E-10 (10% एथेनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल) से लगभग 20,000 टन CO2 उत्सर्जन की बचत होती है।
    • आयात में कमी: पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पिछले 10 वर्षों में 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।
    • Tags :
    • Ethanol
    • Biofuels
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