सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या अब तक के उच्चतम स्तर (88,417) पर पहुंच गई है | Current Affairs | Vision IAS
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    सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या अब तक के उच्चतम स्तर (88,417) पर पहुंच गई है

    Posted 15 Sep 2025

    1 min read

    राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (NJDG) के अनुसार, अभी भी अधीनस्थ न्यायालयों में 4.7 करोड़ से अधिक और अलग-अलग हाईकोर्ट्स में 63 लाख से अधिक मामले लंबित हैं।

    बढ़ते लंबित मामलों के लिए जिम्मेदार कारक

    • रिक्त पद: कानून मंत्रालय के अनुसार, न्यायपालिका में 5,600 से अधिक पद रिक्त हैं।
      • 2006 और 2024 के बीच, हाईकोर्ट्स में रिक्तियों की दर 16% से बढ़कर 30% हो गई है।
    • कम न्यायाधीश-जनसंख्या अनुपात: भारत में प्रति दस लाख लोगों पर केवल 21 न्यायाधीश हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में यह संख्या 150 है।
    • अत्यधिक सरकारी मुकदमेबाजी: लगभग 50% मुकदमे सरकारी एजेंसियों के कारण होते हैं।
    • अपर्याप्त अवसंरचना और जनशक्ति: इंडिया जस्टिस रिपोर्ट, 2022 के अनुसार, न्यायालयों में पर्याप्त कोर्ट रूम और प्रशासनिक कर्मचारियों की कमी वजह से मामलों के निपटान में बाधा उत्पन्न होती है।
    • अन्य कारण: मामलों के निपटान के लिए कोई निर्धारित समय-सीमा नहीं है, बार-बार स्थगन और लंबी छुट्टियां भी देरी का कारण बनती हैं।

    लंबित मामलों के प्रभाव

    • "न्याय में देरी, अन्याय के समान": इससे पीड़ितों की पीड़ा बढ़ती है और न्याय के निवारक प्रभाव में कमी आती है।
    • सामाजिक-आर्थिक लागत: व्यवसाय और आम नागरिक अतिरिक्त बोझ उठाते हैं, सरकार और न्यायपालिका पर दबाव बढ़ता है। उदाहरण के लिए- कॉन्ट्रैक्ट्स लागू करने से जुड़ी कमजोरियों के कारण भारत की ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रैंकिंग खराब होती है।
    • जेलों में भीड़: इंडियन जस्टिस रिपोर्ट, 2025 के अनुसार, भारत की आधी से अधिक जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। इनमें से 76% कैदी विचाराधीन हैं।

    मामलों की लंबित संख्या कम करने के उपाय

    • विधि आयोग की 120वीं रिपोर्ट: इसमें प्रति 10 लाख आबादी पर 50 न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की गई थी।
    • अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (AIJS): जिला और अधीनस्थ अदालतों के लिए केंद्रीकृत भर्ती प्रक्रिया होनी चाहिए। इससे अदालतें अपनी पूरी क्षमता से कार्य करने में समर्थ होगी।
    • डिजिटल एवं प्रक्रियागत सुधार: ई-कोर्ट्स मिशन मोड प्रोजेक्ट (फेज III) का विस्तार किया जाना चाहिए, जिससे AI-आधारित केस मैनेजमेंट लागू हो सके।
    • Tags :
    • Judicial Pendency
    • National Judicial Data Grid (NJDG)
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