बुर्किना फ़ासो, माली और नाइजर ने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की सदस्यता त्याग की घोषणा की | Current Affairs | Vision IAS
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    बुर्किना फ़ासो, माली और नाइजर ने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की सदस्यता त्याग की घोषणा की

    Posted 23 Sep 2025

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    बुर्किना फासो, माली और नाइजर ने ICC से अपना नाम वापस ले लिया, इस पर नव-औपनिवेशिक पूर्वाग्रह का आरोप लगाया और सीमित अधिकार क्षेत्र, प्रवर्तन की कमी और शक्तिशाली देशों से राजनीतिक प्रतिरोध जैसे मुद्दों को उजागर किया।

    एक संयुक्त बयान में, इन तीनों देशों ने ICC पर आरोप लगाया है कि यह संस्था "साम्राज्यवादी शक्तियों के नियंत्रण में एक नव-औपनिवेशिक दमन का उपकरण" है।

    ICC के बारे में 

    • मुख्यालय: हेग, नीदरलैंड। 
    • यह दुनिया का पहला स्थायी अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय है।
    • उत्पत्ति: इसे रोम संविधि (Rome Statute) द्वारा स्थापित किया गया है। इस संविधि को 1998 में अपनाया गया था और 2002 में लागू किया गया था।
    • अधिकार-क्षेत्र: ICC गंभीर अपराध करने के आरोपी व्यक्ति की जांच, अभियोजन और सुनवाई करता है, न कि समूहों या देशों की।
      • ICC के अधिकार-क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अपराध: नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध, आक्रामकता के अपराध आदि।
    • सदस्यता: 125 देश सदस्य हैं।
      • भारत, इजरायल, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन रोम संविधि के पक्षकार (सदस्य) नहीं हैं।
    • वित्त-पोषण: मुख्य रूप से सदस्य देशों द्वारा किया जाता है।
    • निर्णयों का प्रवर्तन: ICC के निर्णय बाध्यकारी होते हैं।

    ICC से जुड़ी समस्याएं:

    • पक्षपात का आरोप: इस पर पश्चिमी देशों के हितों की पूर्ति करने वाले और एक नव-औपनिवेशिक या साम्राज्यवादी न्यायालय के रूप में कार्य करने का आरोप है।
      • नव-उपनिवेशवाद: शक्तिशाली देश विकासशील देशों पर आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक या तकनीकी प्रभाव के माध्यम से अप्रत्यक्ष नियंत्रण रखते हैं।
    • सार्वभौमिक अधिकार क्षेत्र की कमी: कई शक्तिशाली राष्ट्र इसके सदस्य नहीं है, जिससे ICC की पहुंच कमजोर हो जाती है।
      • साथ ही, यह केवल उन घटनाओं पर सुनवाई करता है, जो 1 जुलाई 2002 के बाद हुई हैं। 
    • राजनीतिक प्रतिरोध: उदाहरण के लिए- फ्रांस ने इजरायली प्रधान मंत्री के खिलाफ ICC के वारंट को लागू करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह इजरायल के गैर-सदस्य होने के नाते राष्ट्राध्यक्ष को प्राप्त छूट का हवाला दे रहा था।
    • प्रवर्तन संबंधी सीमाएं: ICC की अपनी कोई पुलिस नहीं है; यह गिरफ्तारी और सहयोग के लिए सदस्य देशों पर निर्भर है।
    • Tags :
    • International Criminal Court (ICC)
    • Mali
    • Burkina Faso
    • Niger
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