अमेरिका द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क 100,000 डॉलर करने के दौरान भारत के लिए अवसर | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    अमेरिका द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क 100,000 डॉलर करने के दौरान भारत के लिए अवसर

    Posted 24 Sep 2025

    1 min read

    Article Summary

    Article Summary

    भारत, अनुसंधान एवं विकास तथा अवसंरचना संबंधी बाधाओं का सामना करने के बावजूद, घरेलू नवाचार को बढ़ावा देकर, अपने स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र, नीतिगत समर्थन, लागत लाभ और उभरती हुई एआई प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर अमेरिकी वीजा शुल्क चुनौतियों से लाभ उठा सकता है।

    अमेरिका द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क 100,000 डॉलर करने वाला कदम भारत को अपने घरेलू नवाचार और प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम को बढ़ाने एवं मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देता है।

    भारत के लिए अवसर

    • प्रतिभा पलायन को रोकना: भारत में STEM स्नातकों और युवा पेशेवरों का एक बड़ा समूह है, जो अब देश में ही नवाचार एवं तकनीकी विकास में योगदान कर सकता है।
      • STEM: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित। 
    • स्टार्ट-अप इकोसिस्टम: भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप हब है। भारत इसका फिनटेक, एड-टेक और हेल्थ-टेक में 'यूनिकॉर्न' कंपनियां उत्पन्न करने के लिए लाभ उठा सकता है।
    • नीतिगत समर्थन: 'स्टार्ट-अप इंडिया', 'डिजिटल इंडिया', 'मेक इन इंडिया' और 'अटल इनोवेशन मिशन' जैसी सरकारी पहलें सक्रिय रूप से उद्यमिता व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही हैं।
    • कम लागत व बाजार का लाभ: कम परिचालन लागत और एक बड़ा घरेलू उपभोक्ता आधार प्रतिभा एवं निवेश दोनों को आकर्षित करता है।
    • उभरती प्रौद्योगिकियां: AI जैसे क्षेत्रकों में बढ़ता निवेश भारत को "एशियन सिलिकॉन वैली" बनाने का अवसर देता है।

    भारत के लिए चुनौतियां

    • अनुसंधान एवं विकास (R&D) और कौशल: भारत में अनुसंधान पर केवल जीडीपी का 0.7% तक व्यय किया जाता है, जो बहुत कम है। इसके अलावा, उच्चतर शिक्षा में मौजूद खामियां अत्याधुनिक नवाचार को सीमित करती हैं।
    • अवसंरचना एवं विनियमन: अपर्याप्त अवसंरचना और जटिल विनियामक फ्रेमवर्क तकनीकी प्रगति को धीमा करते हैं।
    • बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) और व्यावसायीकरण: बौद्धिक संपदा संरक्षण की कमजोरी तथा शोध परिणामों को वैश्विक उत्पादों में रूपांतरित करने की सीमित क्षमता एक बड़ी चुनौती है।
    • क्षेत्रीय सहयोग: राजनीतिक तनाव और विनियामक मतभेद दक्षिण एशिया में सहयोगी तकनीकी पहलों में बाधा डालते हैं।

    निष्कर्ष 

    भारत में क्षमता मौजूद है और अब उसे अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए आर्थिक व्यावहारिकता व तकनीकी नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

    • Tags :
    • H-1B visa fee
    • United States of America
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features