तमिलनाडु के करूर में एक राजनीतिक रैली में भगदड़ से कई लोगों की मृत्यु हो गई | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    तमिलनाडु के करूर में एक राजनीतिक रैली में भगदड़ से कई लोगों की मृत्यु हो गई

    Posted 29 Sep 2025

    1 min read

    Article Summary

    Article Summary

    तमिलनाडु की एक रैली में हुई भगदड़ ने भीड़ की अराजकता के खतरों को उजागर किया है, जो अक्सर मानवीय व्यवहार, संरचनात्मक मुद्दों, प्रबंधन की खामियों और सामूहिक समारोहों में अपर्याप्त सुरक्षा उपायों के कारण होता है।

    भगदड़ के बारे में

    • यह भीड़ की अचानक और तेज़ी से हुई हलचल होती है, जो अक्सर चोटों और मौत का कारण बनती है।
    • भारत में भगदड़ की घटनाएं
      • पिछले तीन दशकों में भगदड़ की लगभग 4,000 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। 
      • साल 2000 से 2022 के बीच भगदड़ के कारण 3,074 लोगों की मौत हुई है। 
      • अध्ययनों से पता चला है कि भारत में ज्यादातर भगदड़ धार्मिक आयोजनों के दौरान हुई है।

    भीड़ से जुड़ी दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार कारक

    • मानवीय कारक
      • सहयोग का भंग होना (मिंट्ज़ का सिद्धांत): घबराहट की शुरुआत में, लोग अक्सर एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं। यह सहयोग इसलिए काम करता है, क्योंकि हर व्यक्ति यह मानता है कि दूसरा भी सहयोग करेगा। सहयोग के भंग होने के बाद, हर व्यक्ति केवल अपनी जान बचाने पर ध्यान केंद्रित करता है। इससे भय व घबराहट तेजी से बढ़ने लगती है। 
      • क्रेज (स्मेल्सर का सिद्धांत): स्मेल्सर ने "क्रेज" को एक प्रकार के सामूहिक व्यवहार के रूप में परिभाषित किया है, जिसमें लोगों की भीड़ एक विशेष वस्तु या गतिविधि के पीछे भागती है। यह भाग-दौड़ इसलिए होती है, क्योंकि लोगों को लगता है कि उस चीज को पाने से उन्हें बहुत खुशी, संतुष्टि, लाभ या आनंद मिलेगा। यह अक्सर अवास्तविक (unrealistic) उम्मीदों पर आधारित होता है। इसमें भीड़ ऐसे तरीके से व्यवहार करने लगती है, जो अंततः उसके खुद के हितों के विरुद्ध होता है। यानी, जिस चीज़ को पाने के लिए वे भाग रहे होते हैं, उसकी कीमत या जोखिम इतना बढ़ जाता है कि वह अब उनके लिए लाभदायक नहीं रहती। 
    • संरचनात्मक कारक: जैसे- निकास द्वार या निकासी मार्ग बंद होना, रोशनी का अभाव होना आदि।
    • प्रबंधन संबंधी खामियां:
      • गलतफहमी/ गलत सूचना: उदाहरण के लिए- तिरुपति (2025) में लोग इसलिए दौड़ पड़े, क्योंकि उन्हें गलतफहमी हुई कि टिकट काउंटर खुल गए हैं।
      • अन्य: अलग-अलग समूहों के लिए भीड़ के प्रवाह को चरणबद्ध न करना आदि।

    राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के भीड़ प्रबंधन पर दिशा-निर्देश

    • क्षमता नियोजन (Capacity Planning): आगंतुकों के आने-जाने पर नज़र रखना, बुनियादी सुविधाएं (जैसे पानी, आराम की जगह आदि) सुनिश्चित करना, कई रास्तों का इस्तेमाल करना आदि।
    • जोखिम और संवेदनशीलता का आकलन: बड़े आयोजनों में संभावित खतरों और जोखिमों का पहले से मूल्यांकन करना, ताकि समय रहते बचाव एवं राहत की बेहतर तैयारी की जा सके।
    • कार्रवाई की योजना बनाना: अलग-अलग विकल्प तय करना, जरूरी संसाधनों की सूची बनाना और उपलब्धता के अनुसार उन्हें मिलाना।
    • Tags :
    • Crowd Management
    • Stampedes
    • NDMA guidelines
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features