राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने भारत में अपराध 2023 रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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रिपोर्ट में भीड़भाड़, न्यायिक देरी, कैदियों की उपेक्षा और लैंगिक कमजोरियों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है, तथा आदर्श जेलों, डिजिटल निगरानी और त्वरित सुनवाई जैसे सुधारों पर जोर दिया गया है।

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इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर (2022 की तुलना में)

  • समग्र अपराध: 2023 में 6.24 मिलियन मामले (7.2% वृद्धि) दर्ज किए गए और अपराध दर बढ़कर प्रति एक लाख जनसंख्या पर 448.3 हो गयी है (यह 2022 में 422.2 थी)।
    • इसका मतलब है कि भारत में 2023 में हर पांच सेकंड में एक अपराध हुआ।
  • अपराधों के पैटर्न में बदलाव: पारंपरिक हिंसक अपराध (जैसे बलात्कार और दहेज हत्या) में कमी देखी जा रही है, जबकि साइबर एवं शहरी अपराध बढ़ रहे हैं।
    • साइबर अपराध: 2023 में भारत में साइबर अपराधों में 31.2% की  वृद्धि हुयी है, जिसमें से अधिकांश मामले धोखाधड़ी से संबंधित थे। यह पर्याप्त साइबर सुरक्षा के बिना तीव्र डिजिटलकरण से संबंधित खामियों को उजागर करता है। 
    • महानगरीय शहर: महानगरीय शहरों में संज्ञेय अपराध दर्ज कराने में तीव्र वृद्धि (10.6%) देखी गई, जो शहरी दबाव और अपराध रिपोर्टिंग प्रणाली में सुधार को दर्शाती है। दिल्ली में सबसे अधिक मामले दर्ज किये गए।
  • कमजोर वर्गों के विरुद्ध अपराध:
    • महिलाएं: महिलाओं के विरुद्ध अपराध में मामूली वृद्धि हुई (0.7%) है, फिर भी घरेलू क्रूरता (29.8%) महिलाओं के विरुद्ध प्रमुख अपराध बना हुआ है। यह अभी भी मौजूद पितृसत्तात्मक चुनौतियों को उजागर करती है।
    • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति: अनुसूचित जातियों के विरुद्ध अपराधों में मामूली वृद्धि हुई। हालांकि, मणिपुर जैसे राज्यों में नृजातीय संघर्षों के कारण अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध अपराधों में 28.8% की वृद्धि हुई।
    • बच्चे: बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़े (9.2%) हैं, जिनमें से अधिक मामले POCSO से संबंधित थे। यह बच्चों की भेद्यता और अधिनियम के तहत बेहतर रिपोर्टिंग दोनों को दर्शाता है।

NCRB के बारे में

  • उत्पत्ति: 1986 ( टंडन समिति , राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) और गृह मंत्रालय के टास्क फोर्स (1985) की सिफारिशों पर आधारित )।
  • मंत्रालय: गृह मंत्रालय
  • महत्वपूर्ण कार्यों: 
    • अपराध और अपराधियों से संबंधित सूचना के भंडार के रूप में कार्य करता है, ताकि अपराधों के समाधान में जांचकर्ताओं को सहायता मिल सके।
    • यह अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS) का समन्वय करता है।
    • यह राष्ट्रीय अपराध सांख्यिकी अर्थात भारत में अपराध, आकस्मिक मृत्यु एवं आत्महत्याएं तथा जेल सांख्यिकी प्रकाशित करता है।
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