चीन ने दुर्लभ भू-खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    चीन ने दुर्लभ भू-खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए

    Posted 10 Oct 2025

    1 min read

    Article Summary

    Article Summary

    चीन लाइसेंसिंग और प्रतिबंधों के माध्यम से दुर्लभ पृथ्वी खनिज निर्यात को प्रतिबंधित करता है, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, महत्वपूर्ण उद्योग और तकनीकी प्रगति प्रभावित होती है, जबकि भारत अपनी खनिज सुरक्षा पहल को आगे बढ़ा रहा है।

    चीन की सरकार ने चीन से प्राप्त दुर्लभ भू-खनिजों के निर्यात के लिए सरकारी लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, बिना सरकारी अनुमोदन के दुर्लभ भू-खनिजों के निष्कर्षण के लिए तकनीकों, चुंबक निर्माण और सैन्य-संबंधी निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

    • इन प्रतिबंधों का प्रभाव एडवांस्ड चिप्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर पड़ सकता है, जिनका संभावित सैन्य उपयोग हो सकता है। इसके अलावा, इनसे आपूर्ति श्रृंखलाएं भी बाधित हो सकती हैं।

    दुर्लभ भू-खनिजों (Rare Earth Elements - REEs) के बारे में

    •  दुर्लभ भू-खनिजों में 17 खनिज शामिल होते हैं। इनमें 15 लैंथेनाइड तथा स्कैण्डियम (Scandium) और यट्रियम (Yttrium) शामिल हैं।
    • ये खनिज लोहित-धूसर रंग से लेकर चांदी जैसे चमकीले होते हैं और सामान्यतः नरम, आकार बदलने योग्य (malleable), लचीले (ductile) तथा रासायनिक रूप से अभिक्रियाशील होते हैं।
    • अपने नाम के विपरीत, ये खनिज प्रकृति में बहुत दुर्लभ नहीं हैं, बल्कि मध्यम मात्रा में पाए जाते हैं।
    • महत्त्व: दुर्लभ भू-खनिज हाई टेक इलेक्ट्रॉनिक्स, हरित ऊर्जा, रक्षा प्रणालियों, उन्नत औद्योगिक उपयोग, इलेक्ट्रिक वाहनों और नई उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

    चुनौतियां

    • आपूर्ति श्रृंखला पर नियंत्रण: वैश्विक दुर्लभ भू-खनिज खनन में चीन का लगभग 70% योगदान है।
      • भारत के पास दुर्लभ भू-खनिज का विश्व का पांचवां सबसे बड़ा भंडार है।
    • निष्कर्षण की जटिलता: दुर्लभ भू-खनिज प्रकृति में बिखरे हुए होते हैं, इसलिए इन्हें आर्थिक रूप से निकालना कठिन होता है।
    • पर्यावरण संबंधी चिंताएं: इन खनिजों के खनन और प्रसंस्करण से विषाक्त अपशिष्ट एवं रेडियोधर्मी उप-उत्पाद उत्पन्न होते हैं।

    आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती के लिए भारत की पहलें

    • राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (National Critical Mineral Mission): वर्ष 2025 में शुरू किया गया यह मिशन भारत के लिए एक रोडमैप है। इसका उद्देश्य घरेलू और वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करना है।
    • खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL): इसका उद्देश्य भारतीय उद्योगों के लिए विदेशों से रणनीतिक खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
    • खनिज सुरक्षा साझेदारी: भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका की अगुवाई वाली इस पहल से जुड़कर वैश्विक महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं में निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है।
    • Tags :
    • National Critical Mineral Mission
    • Minerals Security Partnership
    • Rare Earth Elements/Minerals (REEs)
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features