चीन ने PLI योजना के तहत सब्सिडी को लेकर WTO में भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई | Current Affairs | Vision IAS
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    चीन ने PLI योजना के तहत सब्सिडी को लेकर WTO में भारत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई

    Posted 30 Oct 2025

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    चीन का आरोप है कि ईवी और बैटरी विनिर्माण के लिए भारत की पीएलआई योजनाएं आयातित वस्तुओं की तुलना में घरेलू वस्तुओं को तरजीह देकर डब्ल्यूटीओ के नियमों का उल्लंघन करती हैं, जिन्हें एससीएम समझौते के तहत निषिद्ध सब्सिडी के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

    चीन ने आरोप लगाया है कि भारत की इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और बैटरी से संबंधित तीन भारतीय PLI योजनाएं घरेलू मूल्य संवर्धन (DVA) के अनिवार्य आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। यह सहायता भारत में परिचालन करने वाली कंपनियों को दी जाती है। 

    • 3 विशिष्ट PLI योजनाएं, जिन्हें चुनौती दी गई है:
      • ACC बैटरियों की गीगा-स्केल विनिर्माण क्षमताओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने वाली योजना;
      • एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (AAT) उत्पादों के विनिर्माण को मजबूत करने वाली ऑटो उद्योग के लिए योजना; तथा
      • वैश्विक EV निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए EV विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली योजना।
    • इन योजनाओं के तहत DVA की शर्तें कंपनियों को स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरित करती हैं। इससे आयातित वस्तुओं का उपयोग हतोत्साहित होता है। चीन का कहना है कि यह WTO के "सब्सिडी और प्रतिकारी उपाय समझौते (SCM समझौते)" के तहत प्रतिबंधित श्रेणी का उल्लंघन है।

    WTO के SCM समझौते के बारे में

    • अनुच्छेद 1: यह किसी सब्सिडी को सरकार या सार्वजनिक निकाय द्वारा किए गए एक ऐसे वित्तीय योगदान के रूप में परिभाषित करता है, जो लाभ प्रदान करता है।
    • SCM समझौता सब्सिडियों की दो श्रेणियों का निर्माण करता है। ये हैं- निषिद्ध और कार्रवाई योग्य।
    • निषिद्ध: अनुच्छेद 3 द्वारा निम्नलिखित दो प्रकार की सब्सिडी निषिद्ध हैं:
      • पहली: ऐसी सब्सिडी जो निर्यात प्रदर्शन (चाहे वह कानूनी रूप से हो या वस्तुत: रूप में, और चाहे वह पूर्ण रूप से एकमात्र शर्त हो या विविध शर्तों में से एक हो) पर निर्भर करती है। इन्हें "निर्यात सब्सिडी" कहा जाता है।
      • दूसरी: ऐसी सब्सिडी जो आयातित वस्तुओं की बजाये स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग (चाहे एकमात्र शर्त हो या अन्य शर्तों में से एक) पर निर्भर करती है। इन्हें "स्थानीय सामग्री सब्सिडी" कहा जाता है।
    • कार्रवाई योग्य: इन सब्सिडियों को बहुपक्षीय विवाद निपटान प्रणाली या प्रतिपूरक कार्रवाई के माध्यम से चुनौती दी जा सकती है।

    उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना के बारे में

    • शुरुआत: वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य रणनीतिक क्षेत्रकों में लक्ष्य-आधारित और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहनों के माध्यम से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
    • कवर किए गए मुख्य क्षेत्रक: शुरुआत में यह योजना केवल 3 क्षेत्रकों पर केंद्रित थी, लेकिन बाद में इसका 14 क्षेत्रकों तक विस्तार किया गया। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रक शामिल हैं।
    • Tags :
    • World Trade Organisation
    • PLI Scheme
    • SCM Agreement of WTO
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