ISRO ने त्सो कर वैली, लद्दाख में HOPE एनालॉग मिशन का उद्घाटन किया | Current Affairs | Vision IAS
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    ISRO ने त्सो कर वैली, लद्दाख में HOPE एनालॉग मिशन का उद्घाटन किया

    Posted 04 Aug 2025

    1 min read

    हिमालयन आउटपोस्ट फॉर प्लैनेटरी एक्सप्लोरेशन (HOPE) चालक दल के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया आवास मॉड्यूल और संचालन एवं समर्थन प्रणाली हेतु एक उपयोगिता मॉड्यूल है। ये मॉड्यूल्स निर्बाध कार्यप्रवाह के लिए आपस में जुड़े हुए हैं। 

    • इसरो द्वारा स्थापित HOPE स्टेशन पृथ्वी पर अंतरिक्ष जैसी स्थितियां निर्मित करेगा। इससे भविष्य के अंतरग्रहीय मिशनों के लिए अनुसंधान में सहायता मिलेगी। 

    HOPE मिशन के बारे में

    • नेतृत्व: इसरो का मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC), भारतीय उद्योग और प्रमुख संस्थान संयुक्त रूप से इस मिशन का नेतृत्व कर रहे है।
    • उद्देश्य:
      • चंद्रमा और मंगल जैसे अन्य खगोलीय पिंडों के वातावरण का अनुकरण करना;
      • अंतरिक्ष जैसे परिवेश में मानव के अस्तित्व, स्वास्थ्य प्रोटोकॉल और उपकरणों का परीक्षण करना आदि। 
    • किए जाने वाले अध्ययन:
      • एपिजेनेटिक्स, जीनोमिक्स, फिजियोलॉजी और मनोविज्ञान जैसे विषयों पर शोध किए जाएंगे। 
      • नमूना संग्रह और सूक्ष्मजीव विश्लेषण तकनीकों का मूल्यांकन किया जाएगा। 
      • स्वास्थ्य निगरानी और ग्रहीय सतह परिचालन प्रोटोकॉल का सत्यापन किया जाएगा।
    • त्सो कर वैली को क्यों चुना गया?
      • मंगल जैसी परिस्थितियां: उच्च पराबैंगनी (UV) विकिरण, निम्न वायुमंडलीय दबाव, अत्यधिक ठंड और लवणीय पर्माफ्रॉस्ट जैसी स्थितियां मंगल ग्रह के समान हैं।
      • यह स्थान तकनीकी परीक्षणों और खगोल-जीव विज्ञान अनुसंधान दोनों के लिए अनुकूल है।
    • वैश्विक संदर्भ:
      • यह मिशन विश्व भर में चल रहे व्यापक अनुरूप मिशनों की प्रवृत्ति का हिस्सा है। इनका उद्देश्य लंबी अवधि के पृथ्वी से इतर अन्य खगोलीय पिंडों पर मानव मिशनों के लिए तैयारी करना है।
      • वैश्विक संदर्भ: विश्व में इस तरह के अन्य स्टेशन निम्नलिखित हैं:
        • संयुक्त राज्य अमेरिका का मार्स डेजर्ट रिसर्च स्टेशन;
        • कनाडा का फ्लैशलाइन मार्स आर्कटिक स्टेशन;
        • रूस का BIOS-3 आदि। 

    भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम – गगनयान

    • इसका उद्देश्य 3 सदस्यीय दल को 400 किमी की कक्षा में 3 दिन के मिशन पर भेजकर, सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इस प्रकार, भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। 
    • लॉन्च व्हीकल: गगनयान मिशन के लिए LVM3 रॉकेट को चुना गया है।
    • मुख्य चरण (माइलस्टोन): इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट; टेस्ट व्हीकल मिशन; पैड एबॉर्ट टेस्ट; मानवरहित उड़ान परीक्षण तथा मानवयुक्त उड़ान। 
    • Tags :
    • Gaganyaan Mission
    • Pad Abort Tests
    • LVM3 Rocket
    • Integrated Air Drop Tests
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