अर्थव्यवस्था में विशेष रूप से डिजिटल परिदृश्य में CCI की उभरती भूमिका पर रिपोर्ट जारी की गई | Current Affairs | Vision IAS
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    अर्थव्यवस्था में विशेष रूप से डिजिटल परिदृश्य में CCI की उभरती भूमिका पर रिपोर्ट जारी की गई

    Posted 12 Aug 2025

    1 min read

    यह रिपोर्ट वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने जारी की है। इसमें यह बताया गया है कि मौजूदा प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 डिजिटल बाजार की चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है।

    • प्रतिस्पर्धा (संशोधन) अधिनियम, 2023 में डिजिटल बाजार की जटिलताओं को हल करने के लिए कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जैसे डील वैल्यू थ्रेशोल्ड (DVT)सेटलमेंट एंड कमिटमेंट मेकेनिज़्म आदि।
    • CCI ने हाल ही में एक डिजिटल मार्केट्स डिवीजन (DMD) का भी गठन किया है।

    प्रमुख मुद्दे:

    • कुछ प्रमुख कंपनियां सेल्फ-प्रेफरेंसिंग, प्रेडेटरी प्राइसिंग और टाईंग/ बंडलिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करती हैं। इससे नवाचार बाधित होता है।
    • विनियामकीय सीमाएं:
      • संस्थागत क्षमता: CCI के पास पर्याप्त मानव संसाधन नहीं हैं (195 स्वीकृत पदों में से केवल 113 पद भरे गए हैं) और तकनीकी विशेषज्ञता (जैसे AI) की भी कमी है।
      • प्रवर्तन की प्रभावशीलता: CCI द्वारा लगाए गए कुल ₹20,350.46 करोड़ के जुर्मानों में से ₹18,512.28 करोड़ की राशि को अपीलीय अदालतों ने या तो रोक दिया है या खारिज कर दिया है। 
      • डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक संबंधी चिंताएं: इसमें व्यापक सीमाएं, प्रतिवाद के रूप में किसी दावे आदि का खंडन करने हेतु तंत्र का अभाव तथा डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDP Act) के साथ टकराव की संभावना है।
      • MSMEs संबंधी सुभेद्यता: 2000 करोड़ रुपये का DVT अनियंत्रित MSME अधिग्रहण को लेकर चिंता उत्पन्न करता है।

    रिपोर्ट में की गई महत्वपूर्ण सिफारिशें

    • प्रवर्तन एवं डिजिटल विधेयक: मुकदमेबाजी में देरी को कम करने के लिए मजबूत कानूनी रक्षा और 25% प्री-डिपॉजिट प्रणाली का पालन किया जाना चाहिए। 
    • MSMEs को संरक्षण प्रदान करना: MSMEs के लिए DVT की समीक्षा की जानी चाहिए और प्रेडेटरी प्राइसिंग पर जांच बढ़ाई जानी चाहिए। 
    • सक्रिय दृष्टिकोण: AI जैसी प्रौद्योगिकियों पर बाजार आधारित अधिक अध्ययन किए जाने चाहिए। साथ ही, उपभोक्ता कल्याण को डेटा संबंधी निजता से जोड़ते हुए उसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। 
    • नीतिगत फ्रेमवर्क: राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नीति (NCP) को लागू किया जाना चाहिए। 

    भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के बारे में

    • स्थापना: इसे प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत 2003 में स्थापित किया गया था। हालांकि, इसने 2009 से पूरी तरह से काम करना शुरू किया था।
    • संरचना: केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अध्यक्ष और 6 सदस्य।
    • कार्य:
    • प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली प्रथाओं को समाप्त करना, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना और व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
    • किसी भी कानूनी प्राधिकरण द्वारा भेजे गए संदर्भ या विषय पर प्रतिस्पर्धा से संबंधित राय देना अनिवार्य है।
    • Tags :
    • CCI
    • Competition Act, 2002
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