पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘पर्यावरण ऑडिट नियम, 2025’ अधिसूचित किए | Current Affairs | Vision IAS
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    पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘पर्यावरण ऑडिट नियम, 2025’ अधिसूचित किए

    Posted 04 Sep 2025

    1 min read

    ये नियम पूरे देश में पर्यावरण ऑडिट के लिए एक औपचारिक ढांचा तैयार करेंगे। इसका उद्देश्य देश में पर्यावरण अनुपालन की निगरानी को बेहतर बनाना और भारत में कारोबार करने को आसान बनाना है।

    पर्यावरण ऑडिट नियम, 2025 की मुख्य विशेषताएं

    • पर्यावरण ऑडिट नामित एजेंसी (EADA): EADA की जिम्मेदारियों में ऑडिटर्स का प्रमाणन, पंजीकरण, निगरानी और प्रशिक्षण शामिल हैं।
    • पंजीकृत पर्यावरण ऑडिटर्स (REAs): ऑडिट का कार्य केवल REAs द्वारा ही किया जाएगा।
      • पर्यावरण ऑडिटर्स का प्रमाणन या तो उनकी योग्यता और अनुभव की जांच के आधार पर या परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा।
      • निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए REAs को रैंडम यानी यादृच्छिक तरीके से नियुक्त किया जाएगा।
    • REAs की जिम्मेदारियां: ऑडिटर्स अनुपालन मूल्यांकन और नमूना संग्रहण, मुआवजा गणना, ग्रीन क्रेडिट नियमों के तहत सत्यापन, अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के तहत ऑडिट तथा अन्य पर्यावरण एवं वन संबंधी कानूनों के तहत संबंधित गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं।
    • दो-स्तरीय प्रणाली:
      • स्तर-1: इसमें मौजूदा सरकारी विनियामक संस्थाओं द्वारा अनुपालन की समीक्षा शामिल है। ये संस्थाएं हैं- CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), SPCBs (राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) और मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय (ROs)।
      • स्तर-2: इसमें पर्यावरणीय ऑडिटर्स आधारित व्यवस्था शामिल है।
    • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC): नियमों के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करेगा। 
    • CPCB/ SPCB/ ROs: निरीक्षण और सत्यापन की भूमिका जारी रखेंगे तथा MoEFCC को नियमों के क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करेंगे। 
    • निगरानी तंत्र: MoEFCC के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में एक संचालन समिति प्रगति की निगरानी करेगी और सुधारों का सुझाव देगी। 
    • Tags :
    • Environment Audit Rules, 2025
    • Environment Audit
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