इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने AI-जनरेटेड कंटेंट को विनियमित करने के लिए IT नियम, 2021 में संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया | Current Affairs | Vision IAS
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    इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने AI-जनरेटेड कंटेंट को विनियमित करने के लिए IT नियम, 2021 में संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया

    Posted 23 Oct 2025

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    Article Summary

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    संशोधनों का उद्देश्य लेबल को अनिवार्य करके, डीपफेक को परिभाषित करके, तथा गलत सूचना, सुरक्षा खतरों, उत्पीड़न, मानहानि और धोखाधड़ी को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाकर एआई-जनित सामग्री को विनियमित करना है।

    इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (IT नियम, 2021) में संशोधन प्रस्तावित किए हैं। MeitY द्वारा यह प्रस्ताव सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT अधिनियम) के तहत प्राप्त शक्ति का उपयोग करके किया गया है।

    प्रस्तावित किए गए प्रमुख संशोधनों पर एक नजर:

    • कृत्रिम रूप से जनरेटेड कंटेंट (जिसे आमतौर पर डीपफेक या AI-जनरेटेड कंटेंट के रूप में जाना जाता है) को परिभाषित करना: यह वह कंटेंट या सूचना होती है, जिसे कंप्यूटर का उपयोग करके कृत्रिम रूप से या एल्गोरिदम द्वारा निर्मित, सृजित, मॉडिफाइड या अलटर्ड किया जाता है, ताकि वह दिखने में वास्तविक या सत्य प्रतीत हो।
    • अनिवार्य घोषणा: कोई भी व्यक्ति यदि AI-जनरेटेड कंटेंट या मॉडिफाइड कंटेंट अपलोड करता है, तो उसे यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि यह कंटेंट AI-जनरेटेड है।
    • प्रमुख सोशल मीडिया मध्यवर्तियों (SSMIs) के लिए दायित्व का विस्तार: उदाहरण के लिए- अपलोड किया गया कंटेंट कृत्रिम रूप से जनरेटेड है या नहीं, इस पर उपयोगकर्ता से  डिक्लेरेशन मांगना।

    प्रस्तावित संशोधनों की आवश्यकता क्यों है?

    • राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जोखिम: डीपफेक का उपयोग राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा दुष्प्रचार फैलाने, आतंकवादी समूहों में लोगों को जोड़ने आदि के लिए किया जा सकता है।
    • गलत सूचना का प्रसार: उदाहरण के लिए-  इसका उपयोग झूठी धारणाओं को फैलाने, जनमत को प्रभावित करने और चुनावों पर असर डालने के लिए किया जाता है।
    • महिलाओं पर प्रभाव: उदाहरण के लिए- डीपफेक के जरिए अक्सर महिलाओं को निशाना बनाया जाता है। इसके परिणामस्वरूप गैर-सहमति वाले अश्लील कंटेंट या फोटो बनाने और उत्पीड़न जैसी घटनाएं होती हैं। 
    • प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना: इसके तहत मनगढ़ंत वीडियो या बयानों के माध्यम से व्यक्तियों या संस्थाओं की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
    • धोखाधड़ी और छद्मरूपण (Impersonation): यह पहचान की चोरी, वित्तीय घोटाले और सोशल इंजीनियरिंग हमलों को संभव बनाता है। उदाहरण के लिए- डीपफेक फिशिंग आदि। 

    संबंधित सुर्ख़ियां

    • MeitY ने IT नियम 2021 के तहत ऑनलाइन कंटेंट हटाने के नियमों को सख्त किया। 
      • नए नियमों के तहत कंटेंट हटाने की शक्ति केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के पदाधिकारियों, राज्यों में उनके समकक्षों और पुलिस बलों में उप महानिरीक्षक या उससे ऊपर के अधिकारियों तक सीमित कर दी गई है।
      • अब कंटेंट हटाने के प्रत्येक आदेश की सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा मासिक समीक्षा की आवश्यकता होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्रवाई वैध बनी रहे।
      • इससे पहले, कनिष्ठ अधिकारी, कभी-कभी अनुभाग अधिकारी या उप निदेशक जैसे पदाधिकारी भी, विस्तृत कानूनी कारण बताए बिना कंटेंट हटाने की सूचनाएं भेज सकते थे।
    • Tags :
    • Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021
    • Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY)
    • AI-generated Content
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