इंडिया AI गवर्नेंस दिशा-निर्देश सभी क्षेत्रकों में सुरक्षित, समावेशी और जिम्मेदार AI अपनाए जाने को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक ढांचा है।
- इन दिशा-निर्देशों को इंडियाAI मिशन के तहत जारी किया गया है।
दिशा-निर्देशों के मुख्य पहलुओं पर एक नजर

- AI गवर्नेंस के छह स्तंभ (तीन डोमेन में):
- सक्षमता (Enablement) (अवसंरचना व क्षमता निर्माण);
- विनियमन (Regulation) (नीति व विनियमन एवं जोखिम शमन); तथा
- पर्यवेक्षण (Oversight) (जवाबदेही, संस्थान आदि)।
- कार्य योजना के लिए समय-सीमाएं:
- लघु अवधि: उदाहरण के लिए- विशेष रूप से भारत के लिए जोखिम फ्रेमवर्क्स विकसित करना, स्पष्ट देयता व्यवस्था विकसित करना, आदि)।
- मध्यम अवधि: उदाहरण के लिए- AI के साथ डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के एकीकरण का विस्तार करना, सामान्य मानक प्रकाशित करना, आदि)।
- दीर्घकालिक: उदाहरण के लिए- उभरते जोखिमों और क्षमताओं के आधार पर नए कानून का मसौदा तैयार करना आदि)।
- दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए संस्थागत ढांचा:
- उच्च-स्तरीय निकाय: AI गवर्नेंस समूह।
- सरकारी एजेंसियां: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), गृह मंत्रालय आदि।
- क्षेत्रीय विनियामक: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), आदि।
- सलाहकार निकाय: नीति आयोग, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) कार्यालय आदि।
- मानक निकाय: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (TEC), आदि।
- उद्योग अभिकर्ताओं और विनियामकों के लिए व्यावहारिक दिशा-निर्देश:
- उद्योग: उदाहरण के लिए- AI-संबंधित नुकसान की रिपोर्टिंग को सक्षम करने के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया जाएगा।
- विनियामक: गवर्नेंस संबंधी ढांचा लोचशील और बेहतर रूप से सक्रिय होना चाहिए, ताकि वे हितधारक प्रतिक्रिया के आधार पर आवधिक समीक्षाएं, निगरानी और पुन: सुधार को सक्षम कर सकें।