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कांडला पत्तन पर स्वदेशी रूप से निर्मित ‘ग्रीन हाइड्रोजन विद्युत संयंत्र’ (GHPP) चालू किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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कांडला पत्तन पर स्वदेशी रूप से निर्मित ‘ग्रीन हाइड्रोजन विद्युत संयंत्र’ (GHPP) चालू किया गया

Posted 01 Aug 2025

1 min read

यह 1 मेगावाट का संयंत्र प्रतिवर्ष लगभग 140 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकता है। इसे राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के माध्यम से विकसित किया गया है।

ग्रीन हाइड्रोजन के बारे में

  • इसे सौर, पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त बिजली का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है। इसके लिए विद्युत अपघटन (Electrolysis) के माध्यम से जल के अणुओं (H2O) को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जाता है। 

ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग

  • उद्योग: 
    • इस्पात उत्पादन में (ब्लास्ट फर्नेस में कोकिंग कोल की जगह ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करना), 
    • रिफाइनरियों और उर्वरक संयंत्रों में (अमोनिया व मेथनॉल उत्पादन में जीवाश्म ईंधन आधारित हाइड्रोजन की जगह ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करना) आदि।
  • परिवहन: हाइड्रोजन फ्यूल सेल का उपयोग करने वाले ट्रक, बसें आदि।
  • ऊर्जा भंडारण और ग्रिड संतुलन: विद्युत की अधिकतम मांग या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत आधारित कम विद्युत उत्पादन के दौरान बिजली उत्पादन के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

ग्रीन हाइड्रोजन को अपनाने के समक्ष चुनौतियां

  • आर्थिक रूप से व्यवहार्यता: ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की वर्तमान लागत ($4 से $6 प्रति किलोग्राम) अभी भी अधिक है।
  • हाइड्रोजन भंडारण में कठिनाई: इसके लिए हाई प्रेशर वाले टैंक और क्रायोजेनिक तापमान की आवश्यकता होती है।
  • संसाधन की कमी: ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन हेतु लगभग 9 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।
  • ऊर्जा स्रोत: विद्युत अपघटन में प्रति किलोग्राम हाइड्रोजन के लिए 48 kWh बिजली की आवश्यकता होती है।

आगे की राह 

  • लागत कम करना: यह GST दर को कम करके तथा कम लागत वाली ओपन-एक्सेस विद्युत और हरित ऋण आदि उपलब्ध कराकर किया जा सकता है।
    • ओपन-एक्सेस विद्युत: उपभोक्ता (औद्योगिक, वाणिज्यिक और संस्थागत) बिजली उत्पादक (जनरेटर) से सीधे बिजली खरीद सकता है। 
    • हरित ऋण: पर्यावरण-अनुकूल या जलवायु-संबंधी परियोजनाओं को वित्त-पोषित करने के लिए दिया जाता है
  • प्रोत्साहन: उदाहरण के लिए- निर्यात बाजारों को लक्षित करते हुए हरित इस्पात (Green Steel) के लिए PLI  योजना।
    • हरित इस्पात: यह एक ऐसा इस्पात है, जिसका उत्पादन पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत कम या लगभग शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ किया जाता है।
  • वित्त: भारत को वाणिज्यिक प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए 2030 तक 1 बिलियन डॉलर का निवेश करना चाहिए।
  • बाज़ार निर्माण: कुछ क्षेत्रकों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन क्रय संबंधी बाध्यता (GHPO) लागू करनी चाहिए। 

राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के बारे में

  • उद्देश्य: भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों (Derivatives) के उत्पादन, उपयोग एवं निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना। 
  • लक्ष्य: 2030 तक प्रतिवर्ष 5 MMT ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना।
  • मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय।
  • घटक:
    • स्ट्रेटेजिक इंटरवेंशन्स फॉर ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन प्रोग्राम (SIGHT) कार्यक्रम: इस कार्यक्रम का उद्देश्य इलेक्ट्रोलाइजर के घरेलू विनिर्माण का समर्थन करना है। साथ ही, ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करना है।
    • इस्पात, मोबिलिटी, शिपिंग आदि के लिए पायलट परियोजनाएं।
    • ग्रीन हाइड्रोजन हब का विकास करना।
  • Tags :
  • ग्रीन हाइड्रोजन
  • ग्रीन हाइड्रोजन विद्युत संयंत्र
  • कांडला पत्तन
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