यह अपडेट उस समय पर जारी किया गया है, जब जेनेवा में ‘संयुक्त राष्ट्र प्लास्टिक संधि’ पर चर्चा चल रही है।
अपडेट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- वैश्विक प्लास्टिक उत्पादन और व्यापार में वृद्धि: यह मुख्य रूप से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के मामले में देखने को मिल रहा है, जो 1950 के 2 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) से बढ़कर 2022 में 436 MMT हो गया।
- इसमें से केवल 10% प्लास्टिक का पुनर्चक्रण होता है और 75% से अधिक कचरे के रूप में चला जाता है।
- बढ़ता प्लास्टिक व्यापार: 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार उत्पादित 78% से अधिक प्लास्टिक का व्यापार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का अभाव: इस संबंध में जैव विविधता (जैविक विविधता अभिसमय) और जलवायु परिवर्तन (पेरिस समझौते) की तरह कोई समझौता मौजूद नहीं है।
- अप्रयुक्त क्षमता: जैव आधारित और कम्पोस्टेबल प्लास्टिक कई देशों में उपलब्ध है, लेकिन वैश्विक प्लास्टिक उत्पादन में इनकी हिस्सेदारी केवल 1.5% ही है।
- नीतिगत मुद्दे: पिछले 30 वर्षों में प्लास्टिक और रबड़ उत्पादों पर टैरिफ 34% से घटकर 7.2% हो गया है। इसके विपरीत बांस, कागज जैसे वैकल्पिक उत्पादों पर टैरिफ लगभग 14.4% बना हुआ है।

आगे की राह
- क्षेत्रक आधारित सुधार: एकल उपयोग वाले प्लास्टिक की समस्या से निपटने के लिए उस पर लक्षित प्रतिबंध लगाने चाहिए। जैसे- कर लगाना और बेहतर अनुसंधान एवं उत्पाद डिजाइन की मदद से टिकाऊ प्लास्टिक को बढ़ावा देना (जैसे सड़क निर्माण के लिए प्लास्टिक)।
- प्लास्टिक डेटा सिस्टम को मजबूत करना: प्लास्टिक की उपयोग अवधि में पारदर्शिता और तुलनीयता में सुधार करना चाहिए।
- संबंधित फ्रेमवर्क में तालमेल सुनिश्चित करना: जैसे बेसल, रॉटरडैम और स्टॉकहोम (BRS कन्वेंशन।
प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उपाय
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