भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है। यह चुनाव भारत की राजनीतिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
उपराष्ट्रपति से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
- कार्यकाल और रिक्ति:
- अनुच्छेद 67 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
- अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, पद रिक्त होने पर जल्द से जल्द चुनाव कराना अनिवार्य है।
- निर्वाचक मंडल:
- इसमें लोक सभा और राज्य सभा दोनों के सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) शामिल होते हैं।
- वर्तमान में, दोनों सदनों के कुल सदस्यों की संख्या 782 है।
- इसमें लोक सभा और राज्य सभा दोनों के सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) शामिल होते हैं।
- मतदान प्रणाली:
- अनुच्छेद 66(1) के तहत, चुनाव एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और गुप्त मतदान द्वारा होता है।
- प्राधिकार:
- अनुच्छेद 324 तथा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के तहत शक्तियों का उपयोग करते हुए ECI चुनाव का संचालन करता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
- नामांकन:
- उम्मीदवार को 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदक की आवश्यकता होती है।
- 15,000 रुपये जमानत राशि के रूप में जमा कराना अनिवार्य है।
- मतदान:
- मतदान संसद भवन में होता है और इसके लिए ECI द्वारा प्रदान किए गए विशेष पेन का उपयोग किया जाता है।
- पहली वरीयता का वोट देना अनिवार्य है।
- पर्यवेक्षण:
- ECI रिटर्निंग ऑफिसर (राज्य सभा का महासचिव) और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है।
चुनाव में पालन किए जाने वाले प्रमुख सुरक्षा उपाय
- पार्टी व्हिप की अनुमति नहीं होती है।
- गोपनीयता का उल्लंघन या अनधिकृत पेन का उपयोग करने पर वोट अमान्य हो जाता है।
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 के तहत घूसखोरी या अनुचित प्रभाव का उपयोग करने पर चुनाव को चुनौती दी जा सकती है।
पात्रताकोई भी व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद के लिए तब तक नहीं चुना जा सकता जब तक कि वह:
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