उच्चतम न्यायालय ने प्रमुख सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाने पर निर्देश जारी किए | Current Affairs | Vision IAS
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    उच्चतम न्यायालय ने प्रमुख सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाने पर निर्देश जारी किए

    Posted 08 Nov 2025

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    Article Summary

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    उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाने व सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश दिए, भारत में आवारा कुत्तों की संख्या और रेबीज संक्रमण गंभीर समस्या है।

    हाल ही में, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कई प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं बार-बार घटित हो रही हैं। इस तरह की घटनाएं केवल लोक-स्वास्थ्य की समस्या भर नहीं हैं, बल्कि ये संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत इंसान की सुरक्षा से जुड़ा विषय भी हैं।  

    उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश

    • शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, परिवहन केंद्र जैसे प्रत्येक परिसर के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें। ये अधिकारी इन परिसरों के रखरखाव और निगरानी की जिम्मेदारी संभालेंगे। 
    • जिला मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे परिसरों में पर्याप्त बाड़बंदी व चारदीवारी हो और इनमें गेट लगे हों। इससे इन परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। 
    • स्थानीय नगर निकाय और पंचायतें नियमित रूप से या प्रत्येक तीन महीने में कम-से-कम एक बार इन परिसरों का निरीक्षण करेंगे।
    • सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में एंटी-रेबीज वैक्सीन और इम्युनोग्लोब्युलिन का पर्याप्त भंडार हर समय अनिवार्य रूप से उपलब्ध होना चाहिए।
    • अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े नियमों को सख्ती से लागू करें ताकि बचा हुआ भोजन या अपशिष्ट जानवरों को आकर्षित न करे। 

    भारत में आवारा कुत्तों से जुड़ी समस्याएं  

    • कुल संख्या: 2019 की पशुधन गणना के अनुसार भारत में लगभग 1.5 करोड़ आवारा कुत्ते हैं।
    • कुत्तों के काटने के मामले: राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के अनुसार 2024 में कुत्तों के काटने के लगभग 37 लाख मामले दर्ज किए गए थे।
    • रेबीज संक्रमण: विश्व में रेबीज से होने वाली कुल मौतों में 36% भारत में दर्ज की जाती हैं।
    • रेबीज से मृत्यु का मामला: भारत में रेबीज से होने वाली लगभग 96% मौतें कुत्तों के काटने से होती हैं।

    भारत में आवारा कुत्तों से निपटने से संबंधित प्रावधान और उठाए गए कदम

    • संवैधानिक प्रावधान: अनुच्छेद 243(W) के अनुसार, नगरपालिकाओं का दायित्व है कि वे आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करें
      • अनुच्छेद 51A (g) के तहत नागरिकों का मूल कर्तव्य है कि वे “प्राणीमात्र के प्रति दया भाव रखें।”
    • पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम, 1960 के तहत ‘पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023’ जारी किए गए हैं। इन नियमों में आवारा कुत्तों को “पकड़ो–बधियाकरण करो–टीकाकरण करो–और छोड़ दो” (Capture–Sterilize–Vaccinate–Release, CSVR) मॉडल अपनाया गया है।
    • वर्ष 2030 तक भारत में ‘कुत्तों के काटने से रेबीज संक्रमण उन्मूलन पर राष्ट्रीय कार्य-योजना (NAPRE)’ लागू की गई है।
      • यह कार्य-योजना केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की पहल है।
    • Tags :
    • Supreme Court
    • Stray Dogs
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