यह पहली बार है, जब 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में गैर-संचारी रोगों (NCDs) और मानसिक स्वास्थ्य को संयुक्त रूप से संबोधित करने के लिए एक राजनीतिक घोषणा-पत्र को अपनाया गया। इसमें 2030 के लिए विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं (इंफोग्राफिक्स देखिए)।
घोषणा-पत्र के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- विस्तारित दायरा: इसमें गैर-संचारी रोगों (NCDs) से संबंधित नवीन पहलुओं जैसे- मुख संबंधी स्वास्थ्य (oral health), फेफड़ों का स्वास्थ्य, बाल्यावस्था के दौरान कैंसर आदि को शामिल किया गया है।
- नए निर्धारकों को शामिल किया गया: वायु प्रदूषण, स्वच्छतापूर्वक खाना बनाना, सीसे के संपर्क में आना और खतरनाक रसायनों को भी इसमें शामिल किया गया है।
- डिजिटल स्वास्थ्य जोखिम: पहली बार इसमें डिजिटल स्वास्थ्य जोखिमों को शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए- सोशल मीडिया से होने वाला नुकसान; स्क्रीन पर अत्यधिक समय व्यतीत करना; गलत सूचना (misinformation) और दुष्प्रचार (disinformation) आदि।
- कठोर विनियमन: तंबाकू, अस्वास्थ्यकर भोजन, ट्रांस फैट्स और ई-सिगरेट के लिए कठोर नियमों पर बल दिया गया है।
- समग्र-सरकार और समग्र-समाज दृष्टिकोण: इसमें नागरिक समाज, युवाओं, दिव्यांग व्यक्तियों और निजी क्षेत्रक की भागीदारी शामिल है।
- स्पष्ट जवाबदेही: संयुक्त राष्ट्र महासचिव लक्ष्यों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और WHO इसमें सहयोग करेगा।
घोषणा-पत्र का महत्त्व
- NCDs के कारण प्रतिवर्ष लगभग 1.8 करोड़ असामयिक मृत्यु होती हैं।
- ये बीमारियां लंबी अवधि की होती हैं और आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरणीय एवं व्यवहारिक कारकों के संयोजन का परिणाम होती हैं।
- संपूर्ण विश्व में 1 अरब से अधिक लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं।
- NCDs और मानसिक स्वास्थ्य विकार दोनों ही सामान्य एवं रोके जा सकने वाले कारकों से प्रेरित हैं: जैसे- तंबाकू, अस्वास्थ्यकर खाद्य व पेय पदार्थ, शराब, शारीरिक निष्क्रियता और वायु प्रदूषण।
NCDs और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भारत में आरंभ की गई पहलेंNCDs के लिए पहलें:
मानसिक स्वास्थ्य के लिए पहलें:
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