मानव निर्मित बांधों ने पृथ्वी के ध्रुवों में बदलाव किया है | Current Affairs | Vision IAS
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    मानव निर्मित बांधों ने पृथ्वी के ध्रुवों में बदलाव किया है

    Posted 29 Jul 2025

    8 min read

    एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि बांध निर्माण के कारण पृथ्वी की घूर्णन धुरी 1835 ई. से अब तक 1 मीटर से अधिक स्थानांतरित हो चुकी है। इसे ट्रू पोलर वैंडर (ध्रुवीय भ्रमण/ TPW) कहा जाता है।

    ट्रू पोलर वैंडर (TPW) क्या है?

    • परिभाषा: TPW को प्लैनेटरी रीयोरिएंटेशन भी कहा जाता है। इसका अर्थ है पृथ्वी के क्रस्ट और मेंटल का द्रवीकृत बाह्य कोर के ऊपर घूर्णन करना। 
      • यह पृथ्वी को घूर्णन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, क्योंकि इसमें द्रव्यमान का पुनर्वितरण होता है।
    • TPW को बढ़ावा देने वाले प्राकृतिक कारक: परंपरागत रूप से TPW का संबंध हिमनदों के पिघलने, बर्फ की चादरों के पिघलने, टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने और समुद्री महातरंगों (Ocean swell) जैसी प्राकृतिक प्रक्रियाओं से रहा है।

    बांध कैसे TPW को बढ़ावा दे रहे हैं?

    • बांधों के जलाशय बड़ी मात्रा में पानी को रोक लेते हैं, जो सामान्यतः महासागरों में चला जाता।
      • इससे पृथ्वी का द्रव्यमान अंतर्देशीय (स्थलीय भाग पर) क्षेत्रों में पुनर्वितरित हो जाता है, जिससे ग्रह के घूर्णन में बदलाव होता है। स्थालित भाग पर जलाशयों में संगृहीत अत्यधिक जल के भार से पृथ्वी का द्रव्यमान संबंधी संतुलित वितरण बिगड़ जाता है, जिससे ग्रह के घूर्णन में बदलाव होता है। 
    • अध्ययन में यह भी पाया गया कि यह बदलाव एकसमान नहीं होता, बल्कि यह बांधों के आकार और स्थान के अनुसार होता है।

    ध्रुवों के स्थानांतरण के प्रभाव:

    • नेविगेशन में समस्या: ध्रुवों के खिसकने से सैटेलाइट्स और स्पेस टेलीस्कोप की स्थिति प्रभावित हो सकती है, क्योंकि ये पृथ्वी के सटीक घूर्णन पर निर्भर करते हैं।
    • दिन लंबे हो रहे हैं: पृथ्वी पर दिन धीरे-धीरे लंबे होते जा रहे हैं, और यह प्रक्रिया तेज हो रही है।
    • Tags :
    • Human-Made Dams Have Shifted Earth’s Poles
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