भारत का पहला वाणिज्यिक भू-प्रेक्षण (EO) सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन बनाने के लिए चार फर्मों का एक कंसोर्टियम बनाया गया | Current Affairs | Vision IAS
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    भारत का पहला वाणिज्यिक भू-प्रेक्षण (EO) सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन बनाने के लिए चार फर्मों का एक कंसोर्टियम बनाया गया

    Posted 14 Aug 2025

    1 min read

    भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने भारत का पहला स्वदेशी वाणिज्यिक भू-प्रेक्षण उपग्रह समूह बनाने के लिए चार निजी फर्मों के एक कंसोर्टियम का चयन किया है। इस कंसोर्टियम का नेतृत्व पिक्सेलस्पेस इंडिया नामक फर्म कर रही है। 

    • अन्य फर्मों में शामिल हैं: पियर्ससाइट स्पेस, सैटश्योर एनालिटिक्स इंडिया और ध्रुव स्पेस।

    कार्यक्रम के बारे में

    • प्रौद्योगिकी:
      • 12 उपग्रहों में प्रत्येक मौसम व दिन-रात इमेजिंग की क्षमता होगी।
      • ये उपग्रह पैनक्रोमैटिक, मल्टीस्पेक्ट्रल व हाइपरस्पेक्ट्रल सेंसर्स और सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) से लैस होंगे।
    • PPP (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मॉडल:
      • सरकार की भूमिका: रणनीतिक, तकनीकी और नीतिगत सहयोग।
      • निजी क्षेत्रक: भू-प्रेक्षण प्रणालियों का स्वामित्व और संचालन (विनिर्माण, भारतीय प्रक्षेपण, ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा डेटा का व्यावसायीकरण)।
    • उपयोग: यह जलवायु परिवर्तन की निगरानी, आपदा प्रबंधन, कृषि नियोजन, और उच्च-गुणवत्ता वाली भू-स्थानिक खुफिया जानकारी जैसी सेवाओं के लिए "एनालिसिस रेडी डेटा (ARD)" तथा "मूल्य-वर्धित सेवाएं" प्रदान करेगा।
    • उपयोग अवधि: चार साल।

    भारत के निजी अंतरिक्ष उद्योग के बारे में

    • आर्थिक आकार: भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था वर्तमान में 8 बिलियन डॉलर की है। इसमें निजी क्षेत्रक की मजबूत भागीदारी के माध्यम से 2040 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है।
    • बढ़ता निजी क्षेत्रक:
      • भारत में 200 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स हैं।
        • उदाहरण: "विक्रम-एस," मिशन प्रारंभ के तहत लॉन्च किया गया भारत का पहला रॉकेट था।
      • इंडियन स्पेस एसोसिएशन (ISpA) जैसे उद्योग संगठन सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
    • सरकारी सहायता:
      • अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए IN-SPACe की स्थापना की गई है।
      • भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023: यह विनियामक स्पष्टता और नीतिगत स्थिरता प्रदान करती है।
      • उदारीकरण: 100% FDI की अनुमति है।
      • वेंचर कैपिटल फंड: स्टार्ट-अप्स को वित्तीय मदद के लिए 1,000 करोड़ रुपये के एक फंड को मंजूरी दी गई है।
    • Tags :
    • EO satellite constellation
    • Indian National Space Promotion and Authorization Centre (IN-SPACe)
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