प्रधान मंत्री ने राज्यों में केंद्र के PRAGATI (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन) प्लेटफॉर्म को लागू करने का आह्वान किया।
PRAGATI के बारे में
- इसे 2015 में स्थापित किया गया था।
- यह एक त्रि-स्तरीय प्रणाली है। ये तीन स्तर हैं- प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO), केंद्र सरकार के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिव।
- इसके उद्देश्य:
- परियोजना कार्यान्वयन में तेजी लाना: वास्तविक समय (real-time) में निगरानी सुनिश्चित करने के लिए तकनीक की सहायता लेना। उदाहरण के लिए- यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, रियल-टाइम डेटा, ड्रोन फीड आदि का लाभ उठाता है।
- सहयोगात्मक दृष्टिकोण: विभिन्न सरकारी एजेंसियों की भागीदारी के माध्यम से प्रशासनिक अलग-अलग कार्यों को समेकित करना।
- ई-पारदर्शिता और ई-जवाबदेही: प्रभावी शिकायत निवारण के साथ पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करना।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCAC) के पक्षकार देशों का 11वां सम्मेलन (COSP-11) 'दोहा घोषणा-पत्र 2025' को अपनाने के साथ संपन्न हुआ।
- यह घोषणा-पत्र राष्ट्रों से आह्वान करता है कि वे सीमा-पार भ्रष्टाचार आदि में अंतर्राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन सहयोग को मजबूत करने के लिए AI सहित डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाएं।
- मादक पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) इस अभिसमय के सचिवालय के रूप में कार्य करता है।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCAC) के बारे में
- यह एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी वैश्विक भ्रष्टाचार विरोधी साधन है।
- इसे 2003 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था और 2005 में लागू किया गया था।
- उद्देश्य: भ्रष्टाचार को रोकना और उससे निपटना; सत्यनिष्ठा एवं जवाबदेही को बढ़ावा देना; अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुगम बनाना तथा भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त संपत्तियों को वापस प्राप्त करना।
- हस्ताक्षरकर्ता और पक्षकार: सितंबर 2025 तक 140 हस्ताक्षरकर्ता तथा 192 पक्षकार हैं।
- भारत इस अभिसमय का एक पक्षकार है।
Article Sources
1 sourceवित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण (GSTAT) के 83 नवनियुक्त सदस्यों को पीठ आवंटित की।
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण (GSTAT) के बारे में
- स्थापना: इसे CGST अधिनियम, 2017 की धारा 109 के तहत गठित किया गया है।
- उद्देश्य: यह अपीलीय या पुनरीक्षण अधिकारियों के आदेशों और मुनाफाखोरी विरोधी मामलों के खिलाफ अपील सुनता है।
- संरचना: इसका नेतृत्व अध्यक्ष (उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश / उच्च न्यायालय का वर्तमान या पूर्व मुख्य न्यायाधीश) करता है।
- इसमें 3 अन्य सदस्य — न्यायिक सदस्य और तकनीकी सदस्य (केंद्र एवं राज्य) होते हैं।
- पीठ: इसकी एक प्रधान पीठ नई दिल्ली में है और राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों में 31 राज्य पीठ स्थित हैं।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने जहाज निर्माण की दो प्रमुख पहलों के लिए परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश अधिसूचित किए। ये पहलें हैं- SBFAS और जहाज निर्माण विकास योजना (SbDS)।
जहाज निर्माण वित्तीय सहायता योजना (SBFAS) के बारे में
- उद्देश्य: यह प्रत्येक जहाज के लिए उसकी श्रेणी (जैसे- छोटे, बड़े या विशेष जहाज) के आधार पर 15% से 25% तक वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- इसके अलावा, यह जहाज निर्माण संबंधी पहलों की समन्वित योजना और कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय जहाज निर्माण मिशन की स्थापना का प्रावधान भी करती है।
- यह 'शिपब्रेकिंग क्रेडिट' की शुरुआत करती है। इसके तहत भारतीय यार्डों में जहाजों को स्क्रैप करने वाले जहाज मालिकों को स्क्रैप मूल्य का 40% क्रेडिट प्राप्त होगा, जो चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
जहाज निर्माण विकास योजना (SbDS) के बारे में
- उद्देश्य: दीर्घकालिक क्षमता और सामर्थ्य का निर्माण करना।
- यह ग्रीनफील्ड जहाज निर्माण क्लस्टर के विकास, मौजूदा ब्राउनफील्ड शिपयार्डों के विस्तार और आधुनिकीकरण, तथा भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय (IMU) के तहत एक भारत जहाज प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना का प्रावधान करती है।
Article Sources
1 sourceचीन ने हाई-स्पीड मैग्लेव (Maglev) ट्रेन के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस ट्रेन ने मात्र दो सेकंड में 700 किमी प्रति घंटे की गति हासिल की है।
मैग्नेटिक लेविटेशन (चुंबकीय उत्तोलन) (Magnetic Levitation) प्रौद्योगिकी के बारे में
- सिद्धांत: यह ट्रेन को पटरी से कुछ ऊपर उठाने के लिए विद्युत चुंबकीय बलों का उपयोग करती है। इससे पहिए और ट्रेन के बीच घर्षण समाप्त हो जाता है।
- प्रणोदन (Propulsion): इसमें पारंपरिक इंजनों की बजाय नियंत्रित चुंबकीय क्षेत्रों के माध्यम से गति प्राप्त की जाती है।
- लाभ:
- ऊर्जा दक्षता: यांत्रिक घर्षण कम होने से ऊर्जा की हानि कम होती है और रखरखाव की आवश्यकता भी न्यून हो जाती है।
- सुचारू और शांत संचालन: भौतिक संपर्क न होने के कारण शोर व कंपन न्यूनतम होता है।

राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना की स्वदेशी पनडुब्बी INS वाघशीर (INS Vaghsheer) में सवार होकर समुद्र की यात्रा की।
INS वाघशीर के बारे में
- यह P75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट के तहत विकसित की गई छठी और अंतिम (कलवरी श्रेणी) पनडुब्बी है।
- कलवरी श्रेणी पनडुब्बियां पारंपरिक पनडुब्बियां हैं, जो डीजल-इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली से संचालित हैं।
- इस श्रेणी की अन्य पांच पनडुब्बियां कलवरी, खंडेरी, करंज, वेला और वागीर हैं।
- इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई द्वारा फ्रांस के 'नेवल ग्रुप' के सहयोग से किया गया है।
- इसका नाम 'सैंड फिश' के नाम पर रखा गया है। यह हिंद महासागर की गहरे समुद्र में रहने वाली एक शिकारी मछली है।
प्रधान मंत्री ने नरसापुरम लेस शिल्प को महिला सशक्तीकरण और आर्थिक प्रगति के प्रतीक के रूप में रेखांकित किया।
नरसापुरम लेस शिल्प के बारे में
- स्थान: यह आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुरम और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रचलित है।
- उत्पत्ति: 19वीं शताब्दी में ईसाई मिशनरियों द्वारा स्थानीय महिलाओं को यह कला सिखाई गई थी।
- तकनीक: इसे 'क्रोशै शिल्प' (Crochet craft) के रूप में भी जाना जाता है। इसमें बेडस्प्रेड (चादर), मोबाइल कवर जैसे उत्पाद बनाने के लिए महीन सूती धागे और क्रोशै सुइयों का उपयोग किया जाता है।
- पैटर्न: इसमें प्रकृति और पारंपरिक रूपांकनों से प्रेरित जटिल पुष्पीय (floral), ज्यामितीय (geometric) और पैज़ले (paisley) पैटर्न बनाए जाते हैं।
- उपलब्धि: इसे भौगोलिक संकेतक (GI) टैग और 'एक जिला एक उत्पाद' (ODOP) पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
- सशक्तिकरण: इसमें शामिल लगभग 60% शिल्पकार महिलाएं हैं।