महाराष्ट्र ने हाइपरलूप के निर्माण के लिए IIT मद्रास के स्टार्ट-अप (ट्यूटर हाइपरलूप प्राइवेट लिमिटेड) के साथ समझौता किया | Current Affairs | Vision IAS
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    महाराष्ट्र ने हाइपरलूप के निर्माण के लिए IIT मद्रास के स्टार्ट-अप (ट्यूटर हाइपरलूप प्राइवेट लिमिटेड) के साथ समझौता किया

    Posted 23 Aug 2025

    1 min read

    यह नवी मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट को पालघर जिले के प्रस्तावित वधावन पोर्ट से जोड़ेगा। यह प्रस्तावित लीनियर इंडक्शन मोटर (LIM)-आधारित हाइपरलूप मोबिलिटी सिस्टम है। 

    हाइपरलूप मोबिलिटी सिस्टम के बारे में

    • 2013 में, स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने हाइपरलूप नामक अल्ट्रा-हाई-स्पीड रेल (UHSR) की अवधारणा का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और इसे ओपन-सोर्स किया था।
    • यह मूल रूप से मैग्नेटिक लेविटेशन (मैगलेव) प्रणाली है, जिसमें पॉड्स कम दबाव वाली ट्यूबों के जरिए अल्ट्रा-हाई स्पीड से यात्रा करते हैं।
    • इसकी कार्यप्रणाली और प्रमुख घटक
      • हाइपरलूप एक सीलबंद ट्यूब में काम करता है, जिसमें बहुत कम हवा का प्रतिरोध होता है। अतः निर्वात और मैग्नेटिक लेविटेशन की मदद से पॉड्स को ट्रैक से कुछ ऊपर (हॉवर) बनाए रखा जाता है।
      • लीनियर इंडक्शन मोटर (LIM) पॉड्स को आगे बढ़ाते हुए 1,200 किमी/ घंटा की सैद्धांतिक गति प्रदान करती है।
      • इसके प्रमुख घटकों में शामिल हैं:
        • स्टील ट्यूब्स (100Pa दबाव से युक्त);
        • प्रेशराइज्ड कैप्सूल्स;
        • एयरफ्लो के लिए कंप्रेसर; तथा 
        • एयर बेयरिंग सस्पेंशन। 
    • लाभ: 
      • अति-उच्च गति (उदाहरण के लिए- 25 मिनट में मुंबई-पुणे), 
      • ऊर्जा दक्षता (संभावित रूप से कार्बन-मुक्त), 
      • शोर में कमी, और लॉजिस्टिक्स में सुधार (कार्गो को शीघ्रता और कुशलता से ले जाना)।
    • प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दे: 
      • यह अभी संकल्पना के चरण में हैं, 
      • इसके निर्माण में उच्च लागत आएगी (केवल प्रौद्योगिकी के लिए प्रति मिल लगभग 25-27 मिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी), 
      • सुरक्षा संबंधी चिंताएं (पॉड्स में आग लगना और दुर्घटना की स्थिति में लोगों को बाहर निकालने में कठिनाई), 
      • ट्यूब में निर्वात को बनाए रखने संबंधी चुनौतियां, 
      • ट्यूब का निर्माण यथा संभव एक सीध में करना, जिसके लिए नए विनियमों की आवश्यकता होगी।

    हाइपरलूप प्रौद्योगिकी से जुड़ी तकनीकी और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को दूर करने के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता, निरंतर अनुसंधान और विकास तथा नए विनियामकीय फ्रेमवर्क अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

    • Tags :
    • Maglev
    • Hyperloop
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