एटमोस्फियरिक मेमोरी | Current Affairs | Vision IAS
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    संक्षिप्त समाचार

    Posted 01 Jul 2025

    Updated 24 Jun 2025

    5 min read

    एटमोस्फियरिक मेमोरी

    एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि मानसून का आगमन और वापसी केवल सूर्य के प्रकाश पर नहीं, बल्कि एटमोस्फियरिक मेमोरी पर भी निर्भर करती है।

    अध्ययन के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

    • वायुमंडल जलवाष्प के रूप में भौतिक जानकारी को संचित करता है। इस जानकारी के आधार पर यह मानसून के आगमन और वापसी को नियंत्रित करता है।
      • पहले यह माना जाता था कि मानसून मौसम के आगमन या वापसी की प्रक्रिया मुख्यतः सौर विकिरण (solar radiation) में परिवर्तन की तात्कालिक प्रतिक्रिया होती है।
    • नया सिद्धांत: वायुमंडल की स्थिति उसके मौसम के इतिहास पर निर्भर करती है। यदि पहले से वर्षा हो रही है, तो वह जारी रहती है, लेकिन यदि वातावरण पहले से शुष्क है, तो वर्षा की शुरुआत कठिन हो जाती है। यह व्यवहार "द्विस्थिरता" (Bistability) कहलाता है।  
    • समान सौर विकिरण स्तर पर भी वायुमंडल या तो शुष्क या गहन वर्षा वाला हो सकता है, हालांकि यह इस तथ्य पर निर्भर करता है कि पहले के मौसम की स्थिति क्या थी।
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