समावेशी संपदा - आर्थिक विकास का एक मापक | Current Affairs | Vision IAS
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    समावेशी संपदा - आर्थिक विकास का एक मापक

    Posted 04 Dec 2024

    Updated 09 Dec 2024

    89 min read

    परिचय

    समावेशी संपदा (Inclusive Wealth) की अवधारणा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय- अंतर्राष्ट्रीय मानव और सामाजिक आयाम कार्यक्रम (UNU-IHDP) ने प्रस्तुत की है। समावेशी संपदा/ धन या इन्क्लूसिव वेल्थ में किसी देश के प्राकृतिक, मानवीय, सामाजिक और भौतिक संसाधनों को शामिल किया जाता है। यह दृष्टिकोण भारत के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि भारत के विविध सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य के कारण संपदा का व्यापक तौर पर मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।

     

    ग्लोबल वेल्थ इंडेक्स 2023 के अनुसार, पिछले 30 वर्षों में वैश्विक समावेशी संपदा में लगभग 50% की वृद्धि हुई है, जो मजबूत आर्थिक संवृद्धि को दर्शाती है। हालांकि, इस संवृद्धि के परिणामस्वरूप प्राकृतिक पूंजी में उल्लेखनीय कमी आई है, और पिछले 30 वर्षों में एक चौथाई से अधिक प्राकृतिक संसाधन समाप्त हो गए हैं। यह स्थिति आर्थिक प्रगति और संसाधनों के संधारणीय प्रबंधन के साथ संतुलन बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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    • Tags :
    • समावेशी संपदा
    • वन अधिकार अधिनियम (2006)
    • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP)
    • सामाजिक भावनात्मक लर्निंग (SEL)
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