सेमीकंडक्टर: डिजिटल अर्थव्यवस्था का 'नया तेल' और वैश्विक लचीलेपन के लिए भारत की खोज | Current Affairs | Vision IAS
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    सेमीकंडक्टर: डिजिटल अर्थव्यवस्था का 'नया तेल' और वैश्विक लचीलेपन के लिए भारत की खोज

    Posted 03 Oct 2025

    Updated 05 Oct 2025

    8 min read

    1. सेमीकंडक्टर क्या हैं और वे इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

    • अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के मूलभूत निर्माण खंड हैं, जो स्मार्टफोन्स, कंप्यूटर, उपग्रह से लेकर रक्षा प्रणालियों तक सबको संचालन क्षमता प्रदान करते हैं।
    • इनमें चालक और अवरोधक (इन्सुलेटर) के बीच के विद्युत गुण होते हैं, जिससे नियंत्रित विद्युत प्रवाह प्राप्त करना संभव होता है।
    • 1947 में पहले ट्रांजिस्टर के आविष्कार और 1960 के दशक में एकीकृत सर्किट (IC) के आविष्कार के बाद से, सेमीकंडक्टर का निरंतर विकास हुआ है (इन्फोग्राफिक देखें)।
    • सेमीकंडक्टर के प्रकार
    • तत्त्व-आधारित सेमीकंडक्टर: ये किसी एक ही तत्त्व से बने होते हैं (उदाहरण: सिलिकॉन, जर्मेनियम)।
    • यौगिक सेमीकंडक्टर: ये दो या दो से अधिक तत्त्वों से मिलकर बने होते हैं (उदाहरण: गैलियम आर्सेनाइड)। इनका उपयोग एलईडी (LEDs), सेमीकंडक्टर लेजर और उच्च-आवृत्ति वाले उपकरणों में किया जाता है।
    • प्रमुख गुण
      • नियंत्रणीय: इनकी चालकता को डोपिंग (अशुद्धियां मिला कर) और विद्युत क्षेत्रों (ट्रांजिस्टर) के द्वारा आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
      • तापमान: तापमान बढ़ने पर इनकी प्रतिरोधकता घटती है।
      • प्रकाश-संवेदी: ये प्रकाश से विद्युत धारा उत्पन्न (सौर सेल) कर सकते हैं और प्रकाश उत्पन्न (LEDs) भी कर सकते हैं ।
      • वाहक: इनमें विद्युत प्रवाह इलेक्ट्रॉनों और होल्स दोनों के द्वारा होता है।
      • विभिन्न आकार (नोड): इन्हें विभिन्न नोड आकारों में विनिर्मित किया जाता है, जैसे 3nm, 5nm, 28nm, और 65nm, जिनमें से प्रत्येक का अलग-अलग तकनीकी उद्देश्य की पूर्ति करता है।

    सेमीकंडक्टर में ‘nm’ को समझना: सेमीकंडक्टर नोड्स क्या हैं?

    • नोड आकार (जैसे 5nm या 28nm) ट्रांजिस्टर की सबसे छोटी संरचना को परिभाषित करता है।
      • nm का अर्थ नैनोमीटर होता है, जो एक मीटर का एक अरबवां हिस्सा होता है।
      • यह कंप्यूटर चिप पर मौजूद सबसे छोटी संरचना अर्थात मूल स्विच (ट्रांजिस्टर) के आकार को मापने की इकाई है।
    • भिन्न आकार, भिन्न उपयोग:
      • छोटे नोड (3nm, 5nm): फोन और लैपटॉप जैसी चीजों के लिए बेहतर होते हैं- 
        • अति-उच्च ट्रांजिस्टर घनत्व और क्षमता प्रदान करते हैं।
        • चिप्स का तीव्र संचालन करते हैं।
        • कम बिजली खपत करते हैं (बेहतर बैटरी लाइफ)।
        • एक छोटी सी चिप पर कई घटकों को जोड़ना संभव बनाते हैं।
        • इनके निर्माण की प्रक्रिया अत्यंत जटिल और महंगी है तथा उन्नत फाउंड्रियों (निर्माण इकाइयों) की आवश्यकता होती है।
      • बड़े नोड (जैसे 28nm, 65nm): सरल, अधिक विश्वसनीय और सस्ते घटकों जैसे कारों में पावर कंट्रोल चिप, औद्योगिक उपकरण, दूरसंचार और रक्षा प्रणालियां के लिए उपयोग किए जाते हैं।
        • ये केवल तीव्र गति के बजाय लंबी संचालन अवधि, निम्न लागत और मजबूती को प्राथमिकता देते हैं।

     

    उनके विशिष्ट गुण छोटे इलेक्ट्रॉनिक चिप्स के विनिर्माण में उनके उपयोग को संभव बनाते हैं, जिनके अनुप्रयोगों का दायरा बहुत व्यापक होता है।

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