पर्यावरण मंत्रालय ने ताप विद्युत संयंत्रों के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) प्रणाली के मानदंडों में ढील दी | Current Affairs | Vision IAS
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    पर्यावरण मंत्रालय ने ताप विद्युत संयंत्रों के लिए फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) प्रणाली के मानदंडों में ढील दी

    Posted 14 Jul 2025

    11 min read

    नए अपडेटेड नियम फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) के इंस्टॉलेशन को लेकर ढील देते हैं।  यह अपडेट विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं। यह समिति भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा गठित की गई थी। 

    फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD सिस्टम मानदंडों को आसान बनाने के पीछे तर्क)

    • भारत में परिवेशी SO₂ का स्तर 10-20 µg/m³ के बीच है, जो राष्ट्रीय मानक 80 µg/m³ से काफी नीचे है। 
    • भारतीय कोयले में प्राकृतिक रूप से सल्फर की कम मात्रा होती है।
    • सल्फेट्स का एक "लाभकारी साइड इफेक्ट": ये सौर विकिरण को परावर्तित करके और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के वार्मिंग प्रभाव को संतुलित करके ग्लोबल वार्मिंग को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
      • हालांकि, IPCC ने कहा है कि सल्फेट्स तापमान वृद्धि को कम करते हैं, लेकिन वह इसे कभी भी पूरी तरह से सकारात्मक या नुकसान रहित नहीं कहता है।
    • अन्य कारण: इसमें स्थापना संबंधी उच्च लागत; योग्य विक्रेताओं की सीमित संख्या; बिजली की दरों में बढ़ोतरी का जोखिम आदि शामिल है।

    फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) प्रणालियों के बारे में

    • परिभाषा: यह एक स्क्रबिंग तकनीक है, जिसमें फ्लू गैस से SO2 को हटाने के लिए एक क्षारीय अभिकर्मक (आमतौर पर सोडियम या कैल्शियम आधारित क्षारीय अभिकर्मक) का उपयोग किया जाता है।
    • फ्लू गैस: यह जीवाश्म ईंधन के दहन के उपोत्पाद के रूप में उत्पन्न होती है। इसमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन ऑक्साइड, पार्टिकुलेट मैटर आदि प्रदूषक होते हैं।
      • FGD इकाइयां विशेष रूप से फ्लू गैस में SO2 उत्सर्जन को लक्षित करती हैं।
      • SO2 एक अम्लीय गैस है, जिसे FGD यूनिट में एक क्षारीय यौगिक से निष्क्रिय या बेअसर किया जाता है।
    • FGD प्रणालियों के तीन प्रकार: ड्राई सोरबेंट इंजेक्शन, वेट लाइमस्टोन ट्रीटमेंट और सीवाटर ट्रीटमेंट।

    प्रदूषक के रूप में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) के बारे में

    • SO2 के प्रभाव
    • स्वास्थ्य पर: इससे श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जैसे-  ब्रोंकाइटिस।
    • पर्यावरण पर: इसके कारण अम्लीय वर्षा हो सकती है।
    • SO2 का सबसे प्रमुख स्रोत: बिजली संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकाइयों द्वारा जीवाश्म ईंधन का दहन। 
    • लघु स्रोत: इनमें औद्योगिक प्रक्रियाएं जैसे अयस्क से धातु निकालना; प्राकृतिक स्रोत जैसे ज्वालामुखी आदि शामिल हैं।

     

     

    • Tags :
    • फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD)
    • SO2
    • NO2
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