CAQM की GRAP पर उप-समिति ने NCR में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की बिगड़ती स्थिति के कारण स्टेज-II के तहत निर्धारित उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है।
- GRAP-2 के तहत कोयला और लकड़ी के उपयोग पर रोक लगाई गई है। साथ ही, डीज़ल जनरेटर के चलाने पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसमें कुछ अपवाद हैं।
GRAP के बारे में
- यह दिल्ली के AQI के स्तर पर आधारित एक आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली है। इसे AQI स्तरों के आधार पर निम्नलिखित चार चरणों में बाँटा गया है-
- चरण 1 (स्टेज 1): खराब श्रेणी (AQI 201 से 300);
- चरण 2 (स्टेज 2): बहुत खराब श्रेणी (AQI 301 से 400);
- चरण 3 (स्टेज 3): गंभीर श्रेणी (AQI 401 से 450); तथा
- चरण 4 (स्टेज 4): अति गंभीर श्रेणी (AQI 451 से अधिक)।
- दिल्ली-NCR और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), ग्रैप (GRAP) के कार्यान्वयन की निगरानी करता है।
- CAQM की स्थापना "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021" के तहत की गई थी।
- इसने पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) की जगह ली है।
सर्दियों के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण:
- वायु की दिशा: मानसून के लौटने के बाद वायु की दिशा उत्तर-पश्चिम (North-Westerly) हो जाती है। इस कारण से राजस्थान और कभी-कभी पाकिस्तान व अफगानिस्तान से धूल दिल्ली की ओर आती है।
- तापमान व्युत्क्रमण: ज़मीन के पास ठंडी हवा की परत बन जाती है, जो प्रदूषकों को ऊपर जाने से रोकती है और उन्हें नीचे ही बने रहने देती है।
- पवन की कम गति: पवन की मंद गति के कारण प्रदूषक हवा में फैल नहीं पाते, जिससे उनका प्रभाव बढ़ जाता है।
- पराली जलाना: आसपास के राज्यों के किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे धुआँ दिल्ली तक पहुंचता है।
- अन्य कारण: वाहनों का धुआं, कारखानों से निकलने वाला धुआं, निर्माण स्थलों की धूल और कूड़ा जलाने जैसी गतिविधियां भी प्रदूषण बढ़ाती हैं।
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के बारे में:
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