यूरोपीय परिषद ने यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक एजेंडा को मंजूरी प्रदान की। इसमें भू-राजनीतिक संदर्भ में उभरते अवसरों, चुनौतियों और खतरों से निपटने के लिए प्राथमिकता वाले पांच स्तंभों की पहचान की गई है।
प्राथमिकता वाले पांच स्तंभ
- समृद्धि और संधारणीयता: यह आर्थिक संवृद्धि, रोजगार सृजन, डीकार्बोनाइजेशन और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और निवेश संरक्षण समझौते (IPA) को अंतिम रूप देना इसके केंद्रीय लक्ष्य हैं।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार: महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों और डिजिटल अवसंरचना पर सहयोग को गहरा करने पर केंद्रित है। साथ ही, यह व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद और हॉरिजोन यूरोप के माध्यम से अनुसंधान संबंधी सहयोग को बढ़ावा देगा।
- सुरक्षा और रक्षा: वैश्विक सुरक्षा संबंधी खतरों, भू-राजनीतिक तनावों और तकनीकी परिवर्तनों से निपटना। उदाहरण के लिए- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समन्वय स्थापित करना और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को बढ़ावा देना।
- कनेक्टिविटी और वैश्विक मुद्दे: यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, वैश्विक गवर्नेंस और तीसरे देशों में सहयोग को मजबूत करेगा।
- उदाहरण के लिए- भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) और ग्लोबल गेटवे जैसी पहलों को मजबूत करना।
- सभी स्तंभों में सक्षमकर्ता: यह सभी चार मुख्य स्तंभों को समर्थन देने के लिए कौशल गतिशीलता, ज्ञान विनिमय, व्यापार सहभागिता और संस्थागत सहयोग को सुगम बनाएगा।
भारत-यूरोपीय संघ संबंध
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