गतिशील भौमजल (Dynamic Groundwater) संसाधन का आकलन केंद्रीय भूमिजल बोर्ड (CGWB) तथा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं पर एक नजर
- वार्षिक भौमजल का पुनर्भरण: कुल वार्षिक भौमजल पुनर्भरण (Ground Water Recharge) 448.52 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) आंका गया है। यह वर्ष 2024 के 446.9 BCM की तुलना में आंशिक वृद्धि दर्शाता है।
- भौमजल का दोहन: दोहन योग्य वार्षिक भौमजल संसाधन बढ़कर 407.75 BCM हो गए हैं। वर्ष 2024 में इसकी मात्रा 406.19 BCM थी।
- वर्ष 2025 के लिए देश भर में कुल वार्षिक भौमजल दोहन की मात्रा 247.22 BCM आंकलित की गई है।
- भौमजल दोहन का स्तर: देश में दोहन योग्य उपलब्ध कुल भौमजल संसाधन में से लगभग 60.63% भौमजल का प्रत्येक वर्ष उपयोग किया जा रहा है। इसमें सभी क्षेत्रों में उपयोग शामिल है।
- आकलन इकाइयों का वर्गीकरण: देश में कुल 6746 आकलन इकाइयां (ब्लॉक/मंडल/तालुका) हैं। इनका वर्गीकरण निम्न प्रकार है:
- 73.4% इकाइयां – ‘सुरक्षित (Safe)’
- 10.5% इकाइयां – ‘अर्ध-संकटग्रस्त (Semi-critical)’
- 3.05% इकाइयां – ‘संकटग्रस्त (Critical)’
- 11.1% इकाइयां – ‘अत्यधिक दोहित (Over-exploited)’
- अत्यधिक दोहित इकाइयों का क्षेत्रीय संकेंद्रण: उत्तर-पश्चिम भारत (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश), पश्चिम भारत (राजस्थान, गुजरात), दक्षिण भारत (कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश)।
- 1.8% इकाइयां – ‘लवणीय (Saline)’।
रिपोर्ट में भौमजल आकलन श्रेणियों की परिभाषा
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