केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने “गतिशील भौमजल संसाधन आकलन रिपोर्ट, 2025” जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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In Summary

  • वार्षिक भूजल पुनर्भरण में मामूली वृद्धि होकर 448.52 बीसीएम हो गया है, जबकि निष्कर्षण 247.22 बीसीएम है और निष्कर्षण का स्तर 60.63% है।
  • मूल्यांकन की गई 73.4% इकाइयाँ 'सुरक्षित' हैं, लेकिन 11.1% 'अति-शोषणग्रस्त' हैं, जो उत्तर पश्चिम, पश्चिम और दक्षिण भारत में केंद्रित हैं।
  • रिपोर्ट में 10.5% 'अर्ध-गंभीर', 3.05% 'गंभीर' और 1.8% 'खारे पानी' की मूल्यांकन इकाइयों की पहचान की गई है।

In Summary

गतिशील भौमजल (Dynamic Groundwater) संसाधन का आकलन केंद्रीय भूमिजल बोर्ड (CGWB) तथा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।  

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं पर एक नजर

  • वार्षिक भौमजल का पुनर्भरण: कुल वार्षिक भौमजल पुनर्भरण (Ground Water Recharge) 448.52 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) आंका गया है। यह वर्ष 2024 के 446.9 BCM की तुलना में आंशिक वृद्धि दर्शाता है।
  • भौमजल का दोहन: दोहन योग्य वार्षिक भौमजल संसाधन बढ़कर 407.75 BCM हो गए हैं। वर्ष 2024 में इसकी मात्रा 406.19 BCM थी।
    • वर्ष 2025 के लिए देश भर में कुल वार्षिक भौमजल दोहन की मात्रा 247.22 BCM आंकलित की गई है।
  • भौमजल दोहन का स्तर: देश में दोहन योग्य उपलब्ध कुल भौमजल संसाधन में से लगभग 60.63% भौमजल का प्रत्येक वर्ष उपयोग किया जा रहा है। इसमें सभी क्षेत्रों में उपयोग  शामिल है।  
  • आकलन इकाइयों का वर्गीकरण: देश में कुल 6746 आकलन इकाइयां (ब्लॉक/मंडल/तालुका) हैं। इनका वर्गीकरण निम्न प्रकार है:
    • 73.4% इकाइयां – ‘सुरक्षित (Safe)’
    • 10.5% इकाइयां – ‘अर्ध-संकटग्रस्त (Semi-critical)’
    • 3.05% इकाइयां – ‘संकटग्रस्त (Critical)’
    • 11.1% इकाइयां – ‘अत्यधिक दोहित (Over-exploited)’
      • अत्यधिक दोहित इकाइयों का क्षेत्रीय संकेंद्रण: उत्तर-पश्चिम भारत (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश), पश्चिम भारत (राजस्थान, गुजरात), दक्षिण भारत (कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश)। 
    • 1.8% इकाइयां – ‘लवणीय (Saline)’।  

रिपोर्ट में भौमजल आकलन श्रेणियों की परिभाषा

  • अत्यधिक दोहित (Over-exploited): जहां भौमजल का दोहन स्तर वार्षिक पुनर्भरण दर से अधिक है।
  • अर्ध-संकटग्रस्त (Semi-critical): जहां उपलब्ध वार्षिक भौमजल दोहन-योग्य संसाधनों का 70–90% उपयोग (दोहन) कर लिया जाता है।
  • संकटग्रस्त (Critical): जहां उपलब्ध वार्षिक भौमजल दोहन-योग्य संसाधनों का 90–100% उपयोग कर लिया जाता है। ।
  • सुरक्षित (Safe): जहां उपलब्ध वार्षिक भौमजल दोहन-योग्य संसाधनों का 70% से कम उपयोग किया जाता है।
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लवणीय (Saline)

Refers to groundwater assessment units where the groundwater has a high concentration of dissolved salts, making it unsuitable for drinking or irrigation purposes without treatment.

सुरक्षित (Safe)

Refers to groundwater assessment units where the annual groundwater extraction is less than 70% of the available replenishable resources, indicating a sustainable level of usage.

संकटग्रस्त (Critical)

Refers to groundwater assessment units where the annual groundwater extraction is between 90% and 100% of the available replenishable resources.

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