भारत–ऑस्ट्रेलिया ‘आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता (ECTA)’ के 3 वर्ष पूरे हुए | Current Affairs | Vision IAS
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  • भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए, जिस पर 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे, का उद्देश्य पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया को भारतीय वस्तुओं के लिए 100% शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान की जाएगी।
  • प्रमुख विशेषताओं में भारतीय छात्रों के लिए अध्ययन के बाद के कार्य वीजा की अवधि बढ़ाना, "कार्य और अवकाश" वीजा कोटा और दवाइयों की त्वरित मंजूरी शामिल हैं।
  • दोनों देशों के बीच संबंध रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि दोनों देश क्वाड (QUAD) पहल, इंडो-पैसिफिक पहलों और भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग कर रहे हैं।

In Summary

भारत–ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता (INDAUS ECTA) एक ऐतिहासिक व्यापार समझौता है। इस पर 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे। इसका उद्देश्य पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है।

  • यह एक दशक से अधिक समय में किसी विकसित देश के साथ भारत का पहला व्यापार समझौता है।

भारत–ऑस्ट्रेलिया ECTA की प्रमुख विशेषताएं

  • वस्तुओं का व्यापार: ऑस्ट्रेलिया ने अपने यहां भारतीय निर्यातों (जैसे वस्त्र, चमड़ा, आभूषण) को 100% शुल्क-मुक्त (Duty-free) प्रवेश की अनुमति दी है।
  • सेवाओं का व्यापार एवं पेशेवर लोगों की आवाजाही: भारतीय विद्यार्थियों के लिए अध्ययन के उपरांत वर्क वीजा की अवधि बढ़ाकर विभिन्न श्रेणियों के लिए 2 से 4 वर्ष कर दी गई है। “वर्क एंड हॉलिडे” वीजा के लिए भारतीयों हेतु एक निश्चित कोटा निर्धारित किया गया।
  • रक्षोपाय (सेफगार्ड) प्रावधान एवं विनियामक मामलों में सहयोग: “उत्पत्ति के नियम (Rules of Origin)” से संबद्ध प्रावधान को सख्त बनाया गया है ताकि किसी तीसरे देश की वस्तुओं को इस समझौता का दुरुपयोग करने से रोका जा सके। औषधियों को त्वरित मंजूरी देने का प्रावधान किया गया है। इससे भारतीय दवा कंपनियों को लाभ होगा।  
  • अन्य प्रावधान: भारतीय आईटी कंपनियों द्वारा विदेशों में अर्जित आय पर दोहरा कराधान (Double Taxation) समाप्त कर दिया गया है।

भारत–ऑस्ट्रेलिया आर्थिक संबंध

  • व्यापार की स्थिति: वित्त वर्ष 2025 में भारत, ऑस्ट्रेलिया का 8वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। वहीं ऑस्ट्रेलिया, भारत का 14वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।
  • कुल द्विपक्षीय व्यापार: वित्त वर्ष 25 में भारत–ऑस्ट्रेलिया के बीच कुल 24.1 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ।
  • भारत से प्रमुख निर्यात: पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग वस्तुएं, दवाइयां एवं फार्मास्यूटिकल्स, आदि। 
  • ऑस्ट्रेलिया से भारत में प्रमुख आयात: कोयला, स्वर्ण, आदि।

भारत–ऑस्ट्रेलिया संबंधों का महत्व

  • रणनीतिक एवं भू-राजनीतिक महत्व:
    • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग: ऑस्ट्रेलिया–भारत हिंद-प्रशांत महासागरीय पहल साझेदारी (AIIPOIP) शुरू की गई है;
    • क्वाड (QUAD): भारत और ऑस्ट्रेलिया चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (Quadrilateral Security Dialogue) के दो प्रमुख सदस्य हैं। इसके दो अन्य सदस्य हैं: संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान
    • रक्षा क्षेत्रक में सहयोग: दोनों देशों ने “म्यूचुअल लॉजिस्टिक सपोर्ट एग्रीमेंट (MLSA)” पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही, दोनों देश मालाबार अभ्यास, AUSINDEX जैसे उच्च स्तरीय सैन्य अभ्यासों में भागीदारी करते हैं। 
    • बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग: दोनों देश G20, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS), इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) के सदस्य हैं। 
  • आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन (Supply Chain Resilience): भारत और ऑस्ट्रेलिया ‘आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल (Supply Chain Resilience Initiative: SCRI)’ के भागीदार देश हैं। 
  • अति-महत्वपूर्ण खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) में साझेदारी: ऑस्ट्रेलिया लिथियम, कोबाल्ट जैसे अति-महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का प्रमुख स्रोत है।
    • ये खनिज भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) मिशन और स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
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The Supply Chain Resilience Initiative (SCRI) is a trilateral agreement between India, Japan, and Australia, aimed at building resilient supply chains and reducing dependence on any single country. It seeks to promote diversification of supply chains in the Indo-Pacific region.

Mutual Logistic Support Agreement (MLSA)

An agreement that allows the armed forces of two countries to use each other's military bases and facilities for logistical support, such as refueling and repair. This enhances interoperability and operational capabilities.

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