सुर्ख़ियों में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (United Nations Office for Disaster Risk Reduction: UNDRR) ने "रेसिलिएंस पे: फाइनेंसिंग एंड इन्वेस्टिंग फॉर अवर फ्यूचर" शीर्षक से वैश्विक मूल्यांकन रिपोर्ट (Global Assessment Report: GAR) जारी की है।
अन्य संबंधित तथ्य
- इसके अलावा, हाल ही में भारत ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए वैश्विक मंच (GP2025) की 8वीं बैठक में विश्व की सबसे बड़ी आपदा जोखिम न्यूनीकरण वित्तीय प्रणाली का प्रदर्शन किया है।
- GPDRR की स्थापना 2006 में की गई थी। इसका उद्देश्य सेंडाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति का मूल्यांकन और उस पर चर्चा करना है।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) क्या है?
- यह ऐसे कदमों को दर्शाता है जो नई आपदाओं की आशंका को रोकने, मौजूदा जोखिम को कम करने और बचे हुए जोखिम का प्रबंधन करने के लिए उठाए जाते हैं। इसका उद्देश्य लचीलापन और सतत विकास को मजबूत करना होता है।
- उदाहरण: नई प्रकार की आपदा-रोधी अवसंरचना का निर्माण।

आपदा जोखिम न्यूनीकरण के वित्त-पोषण की आवश्यकता क्यों है? (GAR 2025)

- सीमित सहायता: केवल 2% विकास सहायता ही आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) पर खर्च होती है।
- आपदाओं का बढ़ता आर्थिक बोझ: पिछले दो दशकों में आपदाओं से होने वाली वित्तीय हानि दोगुनी हो गई है।
- विकासशील देशों की उच्च सुभेद्यता: 2023 तक केवल 49% कम विकसित देश (LDCs) ही मल्टी-हैज़र्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम से लैस थे।
- असंधारणीय आपदा जोखिम प्रबंधन के 3 नकारात्मक चक्रों को तोड़ना आवश्यक है:
- आय में गिरावट, कर्ज में वृद्धि का चक्र: ऐसा अनुमान है कि जलवायु संबंधी आपदाओं से 2050 तक वैश्विक आय में 19% तक गिरावट आ सकती है। इससे विशेष रूप से कम आय वाले देश सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
- असंधारणीय जोखिम हस्तांतरण चक्र: उदाहरण के लिए- भारत में बीमा कवरेज 1% से भी कम है, जिससे आपदा जोखिम साझा करने की क्षमता सीमित होती है।
- रिस्पांड-रिपीट: DRR में निवेश किया गया प्रत्येक 1 डॉलर भविष्य में आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई (recovery costs) में 15 डॉलर की बचत करता है।
DRR हेतु पर्याप्त वित्त-पोषण जुटाने में प्रमुख चुनौतियां?
- समर्पित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय तंत्र का अभाव: DRR वित्तीय प्रणालियों की स्थापना के लिए कोई वैश्विक फ्रेमवर्क नहीं है।
- वित्तीय निर्णयों में DRR का सीमित एकीकरण: सरकारें, व्यापार संगठन और वित्तीय संस्थान जोखिम आधारित सोच को वित्तीय निर्णयों में शामिल नहीं करते हैं।
- वित्तीय निर्णयों में प्रासंगिक जोखिम विश्लेषण को शामिल करने के लिए डेटा और साक्ष्य कुछ भौगोलिक क्षेत्रों एवं खास प्रकार की आपदाओं के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
- राजनीतिक रूप से जोखिमपूर्ण मानना: DRR हेतु वित्त-पोषण को अनिश्चित घटनाओं पर खर्च माना जाता है, जिनका तुरंत लाभ नहीं दिखता है।
- अन्य: इसमें विकासशील देशों में कमजोर संस्थागत क्षमता, राष्ट्रीय DRR रणनीतियों का अभाव आदि शामिल है।
भारत की आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) वित्त-पोषण प्रणाली
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आगे की राह
- विनियामक फ्रेमवर्क में सुधार: उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय सरकारों और नियामकों को मानक (Standards) और वर्गीकरण (Taxonomies) बनाना चाहिए, जैसे यह परिभाषित करना कि "सतत और आपदा-रोधी निवेश" क्या होता है।
- वित्त पर नजर रखना: उदाहरण के लिए, जो बजट आवंटित किया गया है, उसमें से जो निवेश वास्तव में उपयोग किया गया है, उसकी निगरानी और लेखा-जोखा रखा जाना चाहिए।
- अभिनव वित्तीय दृष्टिकोण अपनाना: उदाहरण के लिए- मिश्रित वित्त, 'डेब्ट-फॉर-रिज़िलिएंस स्वैप्स', क्रेडिट रेटिंग में आपदा जोखिमों को एकीकृत करना, ग्रीन बॉण्ड, आपदा बॉण्ड (जो वैश्विक निवेशकों को जोखिम हस्तांतरित करते हैं और पारंपरिक बीमा से परे अतिरिक्त वित्तीय सुरक्षा प्रदान करते हैं), आदि।
- विभिन्न स्तरों पर वित्त-पोषण को बढ़ावा देना: उदाहरण के लिए- कम लागत वाली, बार-बार आने वाली आपदाओं को राष्ट्रीय कोष या आकस्मिक क्रेडिट लाइन्स के माध्यम से कवर किया जाना चाहिए। वहीं, दुर्लभ, अधिक गंभीर आपदाओं के लिए बीमा या अन्य जोखिम-हस्तांतरण समाधान अपनाने चाहिए।
निष्कर्ष
आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) में निवेश केवल विकास की आवश्यकता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक निवेश है जो सतत भविष्य सुनिश्चित करता है। अगर हमें आपदा और पुनर्प्रतिक्रिया के दुष्चक्र को तोड़ना है, तो वैश्विक समुदाय को प्रतिक्रियात्मक खर्च से हटकर जोखिम आधारित पूर्व नियोजन को अपनाना होगा, ताकि लचीलापन को वित्तीय और नीतिगत निर्णयों के केंद्र में रखा जा सके।