इस योजना का परिव्यय 2025-26 से 2028-29 तक चार वर्षों के लिए 2000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यह राशि 500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के अनुसार भारत सरकार के बजटीय समर्थन से प्राप्त होगी।
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) योजना को सहायता अनुदान के बारे में:
- प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक की योजना।
- उद्देश्य: नई परियोजनाएं स्थापित करने, मौजूदा संयंत्रों का विस्तार करने और कार्यशील पूंजी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सहकारी समितियों को ऋण प्रदान करना।
- निधि जुटाना: NCDC द्वारा अनुदान का चार वर्ष की अवधि में खुले बाजार से अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए उपयोग किया जाएगा।
- योजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी: NCDC, जिसका उद्देश्य ऋण वितरण, परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी और ऋण की वसूली करना है।
- प्रदान किए जाने वाले ऋण में निम्नलिखित शामिल होंगे:
- विविध क्षेत्रकों में परियोजना संबंधी सुविधाओं की स्थापना, आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी उन्नयन एवं विस्तार के लिए दीर्घकालिक ऋण।
- सहकारी समितियों को अपना व्यवसाय कुशलतापूर्वक और लाभप्रद रूप से चलाने में सक्षम बनाने के लिए कार्यशील पूंजी।
योजना के निहितार्थ/लाभ:
- सामाजिक-आर्थिक अंतर समाप्त होगा और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी।
- आय सृजन करने वाली पूंजीगत परिसंपत्तियों का निर्माण होगा तथा सहकारी समितियों को कार्यशील पूंजी के रूप में तरलता प्राप्त होगी।
- क्षमता में वृद्धि होगी तथा आधुनिकीकरण और विविधीकरण को समर्थन प्राप्त होगा, जिससे लाभप्रदता एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी।
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के बारे में:
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