ब्लू इकोनॉमी (नीली अर्थव्यवस्था) पर श्वेत-पत्र भारत के समुद्री संसाधनों की क्षमता को प्रकट करने का रोडमैप प्रस्तुत करता है | Current Affairs | Vision IAS
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    ब्लू इकोनॉमी (नीली अर्थव्यवस्था) पर श्वेत-पत्र भारत के समुद्री संसाधनों की क्षमता को प्रकट करने का रोडमैप प्रस्तुत करता है

    Posted 01 Aug 2025

    1 min read

    हाल ही में, केंद्रीय मंत्री ने संसद को सूचित किया कि "भारत की नीली अर्थव्यवस्था का रूपांतरण: निवेश, नवाचार और सतत विकास" शीर्षक वाले श्वेत-पत्र में वर्ष 2035 तक का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है। 

    • इसका उद्देश्य व्यवहार्य परियोजनाओं को प्राथमिकता देना तथा नीली अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय विकास के एक महत्वपूर्ण इंजन के रूप में स्थापित करने के लिए निवेशकों का विश्वास बढ़ाना है।  

    ब्लू इकोनॉमी क्या है?

    • परिभाषा: ब्लू इकोनॉमी में समुद्री संसाधनों के साथ-साथ समुद्री, सामुद्रिक और तटीय क्षेत्रों में मानव निर्मित अवसंरचना भी शामिल हैं। यह आर्थिक संवृद्धि, पर्यावरणीय संधारणीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देती है।
    • महत्त्व: भारत की ब्लू इकॉनमी, 11,098 किमी लंबी तटरेखा और 2.4 मिलियन वर्ग किमी अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) पर आधारित है। यह राष्ट्रीय संवृद्धि का प्रमुख इंजन है और ‘विकसित भारत 2047’ का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
    • क्षेत्रक-विशिष्ट चुनौतियां

    प्रमुख सिफारिशें

    • मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय और डेटा साझा करने के तंत्र में सुधार करने की आवश्यकता है।
    • ब्लू बॉन्ड, मिश्रित वित्त-पोषण, सॉवरेन गारंटी और PPP (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) जैसे साधनों के माध्यम से निजी एवं वैश्विक निवेश को आकर्षित किया जाना चाहिए।
    • सफल राज्य-स्तरीय मॉडल्स को बड़े पैमाने पर अपनाना चाहिए, जैसे ओडिशा में महिलाओं के नेतृत्व में सीवीड की खेती, कोच्चि में स्मार्ट पोर्ट और अंडमान द्वीप समूह में इको-टूरिज्म आदि।
    • Tags :
    • अनन्य आर्थिक क्षेत्र
    • ब्लू इकोनॉमी
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