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    वित्तीय क्षेत्रक के लिए RBI ने FREE-AI विज़न जारी किया

    Posted 14 Aug 2025

    1 min read

    RBI की एक समिति ने “फ्रेमवर्क फॉर रिस्पॉन्सिबल एंड एथिकल एनेबलमेंट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (FREE-AI)” का अनावरण किया है। इसका उद्देश्य वित्तीय सेवाओं में नवाचार और जोखिम प्रबंधन के बीच संतुलन स्थापित करना है। 

    FREE-AI विजन के बारे में

    • उद्देश्य: भारत के वित्तीय क्षेत्रक में AI को सुरक्षित, निष्पक्ष और जवाबदेह तरीके से अपनाने को सुनिश्चित करना।
    • 7 सूत्र: AI को अपनाने के लिए मूलभूत सिद्धांत (इन्फोग्राफिक्स देखें)।
    • द्वि-आयामी दृष्टिकोण:
      • नवाचार को बढ़ावा देना:
        • डेटा और कंप्यूट तक समान पहुंच के लिए साझा अवसंरचना। इसे इंडियाAI मिशन के तहत स्थापित किए गए AI कोष के साथ एकीकृत किया जा सकता है।
        • परीक्षण के लिए AI इनोवेशन सैंडबॉक्स और स्वदेशी वित्तीय AI मॉडल्स। 
        • विनियामक मार्गदर्शन के लिए AI नीति बनाना।
        • संस्थागत क्षमता निर्माण (बोर्ड और कार्यबल)।
        • समावेशन और अन्य प्राथमिकताओं को सुविधाजनक बनाने के लिए कम जोखिम वाले AI समाधानों हेतु नम्य अनुपालन आवश्यकताएं।
      • जोखिम को कम करना:
        • विनियमित संस्थाओं द्वारा बोर्ड-अनुमोदित AI नीतियां।
        • उत्पाद अनुमोदन प्रक्रियाओं, उपभोक्ता संरक्षण ढांचों और ऑडिट में AI-संबंधी पहलुओं को शामिल करना।
        • मजबूत साइबर सुरक्षा और घटना रिपोर्टिंग।
        • मजबूत AI लाइफसाइकल गवर्नेंस।
        • उपभोक्ताओं को AI के साथ अंतर्क्रिया करते समय जागरूक करना।

    FREE-AI विज़न क्यों महत्वपूर्ण है?

    • AI का बढ़ता प्रभाव: वित्तीय क्षेत्रक में AI संबंधी निवेश से संबंधित अनुमान- 
      • बैंकिंग, बीमा, पूंजी बाजार और भुगतान क्षेत्रक में 2027 तक AI संबंधी निवेश 8 लाख करोड़ रुपये (97 बिलियन डॉलर) तक पहुंच सकता है।
      • केवल जनरेटिव AI (GenAI) के लिए 2033 तक 1.02 लाख करोड़ रुपये (12 बिलियन डॉलर) तक निवेश होने की संभावना है, जो सालाना 28-34% की दर से बढ़ेगा।
    • उभरते जटिल जोखिम: AI से डेटा गोपनीयता, एल्गोरिदम पक्षपात, बाजार में हेरफेर, साइबर सुरक्षा सुभेद्यताएं और गवर्नेंस संबंधी विफलताएं जैसे नए खतरे पैदा होते हैं। इन खतरों का सामना पारंपरिक ढांचा नही कर सकता।
      • उचित प्रबंधन के बिना, ये जोखिम बाजार की अखंडता को कमजोर कर सकते हैं; उपभोक्ता विश्वास को कम कर सकते हैं और प्रणालीगत सुभेद्यताएं पैदा कर सकते हैं।
    • Tags :
    • RBI
    • AI
    • FREE-AI Vision
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