भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र की पांडुलिपियों को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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    भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र की पांडुलिपियों को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया

    Posted 19 Apr 2025

    10 min read

    गीता और नाट्यशास्त्र को सम्मिलित करने के साथ ही इस रजिस्टर में अब भारत की 14 प्रविष्टियां शामिल हो गई हैं।

    • भारत के ऋग्वेद, गिलगित पांडुलिपि, अभिनवगुप्त (940-1015 ई.) की पांडुलिपियां, मैत्रेयवराकरण (पाल काल की एक पांडुलिपि) आदि को भी रजिस्टर में शामिल किया गया है।
    • वर्ष 1948 में पेरिस में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित ‘मानवाधिकारों पर सार्वभौमिक घोषणा’ भी रजिस्टर में शामिल की गई नई प्रविष्टियों में से एक है।

    भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र के बारे में

    • भगवद् गीता:
      • भगवद् गीता जिसे अक्सर गीता के नाम से भी जाना जाता है, 700 श्लोकों वाला एक धर्मग्रंथ है। यह महाकाव्य महाभारत विशेष रूप से भीष्म पर्व (अध्याय 23-40) का एक हिस्सा है।
      • इसे कुरुक्षेत्र के युद्ध क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच संवाद के रूप में संकलित किया गया है।
        • इसे दूसरी या पहली शताब्दी ई. पू. में रचित माना जाता है।
      • भगवद् गीता में 18 अध्याय एवं 700 श्लोक हैं।
      • प्रासंगिकता: इसे सार्थक और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए एक मार्गदर्शक माना जाता है।
    • नाट्यशास्त्र:
      • इसे नाट्यवेद का सार माना जाता है। नाट्यशास्त्र निष्पादन कलाओं की एक मौखिक परंपरा है, जिसमें 36,000 छंद शामिल हैं। इसे गंधर्ववेद के नाम से भी जाना जाता है।
        • यह नाटक (नाट्य), निष्पादन (अभिनय), सौंदर्य भावना (रस), भावना (भाव) और संगीत (संगीत) से संबंधित है।
      • ऐसा माना जाता है कि इसे भरतमुनि ने संस्कृत में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आस-पास संहिताबद्ध किया था।
      • इसने भारतीय काव्यशास्त्र, रंगमंच, नृत्य और सौंदर्यशास्त्र की नींव रखी।

    यूनेस्को का मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड प्रोग्राम

    • यूनेस्को ने इसे 1992 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य विश्व की मूल्यवान दस्तावेजी विरासत को संरक्षित करना और उसे सार्वभौमिक रूप से सुलभ बनाना है।
    • यह मानव सभ्यता को प्रभावित करने वाली दस्तावेजी विरासत को मान्यता देता है।
    • इसका उद्देश्य ऐतिहासिक ग्रंथों, पांडुलिपियों और अभिलेखागार को संरक्षित करना तथा उन तक पहुंच को बढ़ावा देना है।
    • Tags :
    • भगवद् गीता
    • नाट्यशास्त्र
    • मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर
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