पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (MoPSW) ने ‘सागरमाला वित्त निगम लिमिटेड (SMFCL)’ का उद्घाटन किया | Current Affairs | Vision IAS
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    पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (MoPSW) ने ‘सागरमाला वित्त निगम लिमिटेड (SMFCL)’ का उद्घाटन किया

    Posted 27 Jun 2025

    12 min read

    सागरमाला वित्त निगम लिमिटेड (SMFCL), सामुद्रिक क्षेत्रक में भारत की पहली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है।

    • इसे पहले सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।  
    • SMFCL मिनीरत्न-श्रेणी-I में सूचीबद्ध केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम (CPSE) है।
    • अब यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास NBFC के रूप में औपचारिक रूप से पंजीकृत कंपनी बन गई है। 
    • यह पत्तन प्राधिकरणों और शिपिंग कंपनियों जैसे अलग-अलग हितधारकों को उनकी जरूरत के अनुरूप वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
    • साथ ही, यह कंपनी जहाज निर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, क्रूज़ पर्यटन और सामुद्रिक मामलों में शिक्षा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों को भी समर्थन प्रदान करेगी। 

    सामुद्रिक क्षेत्रक के लिए भारत में शुरू की गई अन्य महत्वपूर्ण पहलें

    • डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (DCoE): यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), ब्लॉकचेन जैसी नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग के माध्यम से बंदरगाह के संचालन और शिपिंग लॉजिस्टिक्स के आधुनिकीकरण व इनमें नवाचार को बढ़ावा देता है।
    • सागर सेतु (SAGAR SETU) प्लेटफॉर्म: यह प्लेटफॉर्म प्रधान मंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप है। यह प्लेटफॉर्म कई सेवा प्रदाताओं को एकीकृत करके   निर्यात-आयात (EXIM) से जुड़ी सेवाएं निर्बाध रूप से प्रदान करता है।
    • दृष्टि (DRISHTI): यहां DRISHTI से आशय “डेटा ड्राइवन डिसीजन सपोर्ट-रिव्यु इंस्टीट्यूशनल इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर हास्टेनिंग एंड ट्रैकिंग इम्प्लीमेंटेशन” से है। इसका उद्देश्य मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 और अमृत काल विज़न 2047 के कार्यान्वयन में तेजी लाना है।
    • प्रमुख बंदरगाहों पर शुल्कों की अनुसूचित दर (Scale of Rates - SOR): यह प्रमुख बंदरगाहों पर प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए एक समान शुल्क संरचना प्रदान करती है।
    • गेटवे टू ग्रीन-भारत के बंदरगाहों का हाइड्रोजन हब में रूपांतरण: यह नीति भारतीय बंदरगाहों को ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण और निर्यात के लिए केंद्र बनाने हेतु रूपरेखा प्रदान करती है।  

    मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030

    • यह भारत के सामुद्रिक क्षेत्रक के समग्र विकास के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है। सामुद्रिक क्षेत्रक में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग शामिल हैं।
    • इसका उद्देश्य भारत को सामुद्रिक क्षेत्रक में विश्व का अग्रणी देश बनाना है। 

    अमृत काल विज़न 2047

    • यह मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 पर आधारित है।
    • इसका उद्देश्य भारत में विश्व स्तरीय बंदरगाहों का विकास करना तथा अंतर्देशीय जल परिवहन, तटीय शिपिंग और संधारणीय सामुद्रिक क्षेत्रक को बढ़ावा देना है।
    • Tags :
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    • मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030
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    • अमृत काल विज़न 2047
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