केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (एमओएलई) निर्वाह मजदूरी की अवधारणा पर चर्चा कर रहा है। | Current Affairs | Vision IAS
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    केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (एमओएलई) निर्वाह मजदूरी की अवधारणा पर चर्चा कर रहा है।

    Posted 29 Jul 2025

    5 min read

    इसका उद्देश्य श्रमिकों के कल्याण में सुधार करना और विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है।

    • वर्तमान में कानून केवल न्यूनतम वेतन देने को अनिवार्य करता है। 

    जीवन निर्वाह वेतन का महत्त्व

    • विश्व आर्थिक मंच (WEF) के अनुसार, विश्व स्तर पर लागू किया गया जीवन निर्वाह वेतन हर साल उत्पादकता और खर्च में वृद्धि के माध्यम से अतिरिक्त 4.6 ट्रिलियन डॉलर का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) उत्पन्न कर सकता है।
    • महिला श्रमबल भागीदारी में सुधार: यह सभी श्रमिकों के लिए लाभदायक है, लेकिन महिलाओं के लिए अधिक प्रभावी है। महिलाएं अक्सर बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी जिम्मेदारियों के कारण कार्यबल से दूर रहती हैं।
      • उचित वेतन इन खर्चों को कवर कर महिलाओं के लिए कार्यबल में शामिल होना आसान बनाता है।
    • अन्य लाभ:
      • यह महंगाई और जीवन यापन की लागत में वृद्धि का समाधान करता है।
      • यह प्रतिभा आकर्षित करने और कर्मचारियों को बनाए रखने में मदद करता है।
      • यह नए श्रम कानूनों और सामाजिक अपेक्षाओं के अनुरूप है।
    • Tags :
    • DPSP
    • Living Wages
    • Code on Wages, 2019
    • Minimum wages
    • Minimum Wages Act, 1948
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