केंद्र सरकार ने अफीम की खेती के लिए ‘वार्षिक लाइसेंसिंग नीति 2025-26’ की घोषणा की | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    केंद्र सरकार ने अफीम की खेती के लिए ‘वार्षिक लाइसेंसिंग नीति 2025-26’ की घोषणा की

    Posted 13 Sep 2025

    1 min read

    यह लाइसेंसिंग नीति नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) नियम, 1985 के तहत हर साल घोषित की जाती है। ये नियम NDPS अधिनियम, 1985 के तहत बनाए गए हैं।

    अफीम के बारे में

    • अफीम पोस्ता (Opium poppy) के पौधे से अफीम गोंद (Opium gum) को निकाला जाता है। इसमें अनिवार्य रूप से कई एल्केलॉइड्स जैसे मॉर्फिन, कोडीन और थेबाइन होते हैं।
    • एल्केलॉइड्स: प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले कार्बनिक नाइट्रोजन युक्त यौगिक होते हैं। 
    • मॉर्फिन का उपयोग सामान्यतः दर्द निवारक दवा के रूप में किया जाता है, जबकि कोडीन का उपयोग खांसी की दवा (कफ सिरप) बनाने में किया जाता है।
    • इसे खाद्य योग्य बीज और बीज से तेल निकालने के लिए भी उगाया जाता है।
    • भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसे यूनाइटेड नेशंस सिंगल कन्वेंशन ऑन नारकोटिक ड्रग्स (1961) द्वारा अफीम गोंद का उत्पादन करने के लिए अधिकृत किया गया है।
      • उल्लेखनीय हैं कि 11 अन्य देश अफीम पोस्ता की खेती करते हैं, लेकिन अफीम गोंद नहीं निकालते हैं।

    भारत में अफीम की खेती के बारे में 

    • NDPS अधिनियम केंद्र सरकार को अफीम पोस्ता की खेती की अनुमति देने और इसे चिकित्सा एवं वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए विनियमित करने का अधिकार देता है।
    • हर साल, केंद्र सरकार उन क्षेत्रों को अधिसूचित करती है, जहां अफीम की खेती के लिए लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं और इसके लिए सामान्य शर्तें तय करती है।
      • अफीम की खेती मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों के अधिसूचित क्षेत्रों में की जाती है।
    • वित्त मंत्रालय के अधीन स्थापित व ग्वालियर में स्थित केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (CBN) किसानों को अफीम की खेती के लिए लाइसेंस जारी करता है।
      • किसानों को उनके द्वारा उत्पादित पूरी अफीम CBN को सौंपनी होती है तथा इसकी कीमत सरकार द्वारा तय की जाती है।
    • Tags :
    • Licensing Policy
    • Opium
    • Poppy
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features